तमिलनाडु बिजली क्षेत्र की कंपनियों को हुआ 13,000 करोड़ रुपये का घाटा : सीएजी

चेन्नई, 25 जून (आईएएनएस)। बिजली की खरीद में वृद्धि होने, कोयला प्रबंधन की लागत बढ़ने और कर्मचारियों की लागत में इजाफा होने के परिणामस्वरुप तमिलनाडु की पांच बिजली क्षेत्र की कंपनियों को लगभग 13,176 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने 2018-19 की अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है।

विधानसभा में पेश इस रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (टीएएनजीईडीसीओ) को पिछले वित्त वर्ष में मुख्य रूप से उच्च लागत के कारण 4,862 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।

सीएजी की इस रिपोर्ट ने तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी अन्नाद्रमुक पर सवालिया निशान लगा दिया है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि बिजली की अधिक खरीद और उत्पादन की लागत में अधिकता से 7,396 करोड़ रुपये का अधिक खर्च बैठ रहा है।

सीएजी ने टीएएनजीईडीसीओ के कोयला प्रबंधन पर भी निशाना साधा है, जिसके परिणामस्वरूप 2014-19 के दौरान 4,000 करोड़ रुपये से अधिक का बेकार खर्च हुआ।

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2014-19 के बीच बढ़ी हुई स्टेशन हीट रेट (एसएचआर) के कारण थर्मल पावर स्टेशनों में तमिलनाडु विद्युत नियामक आयोग (टीएनईआरसी) द्वारा निर्धारित मानकों की तुलना में लगभग 2,317 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कोयले की खपत हुई।

सीएजी ने कोयले के कैलोरी मान में गिरावट के कारण की जांच नहीं करने के लिए टीएएनजीईडीसीओ को दोषी भी ठहराया, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 2,012 करोड़ रुपये का अपव्यय हुआ।

कोयले की खराब गुणवत्ता के कारण साल 2014-19 के बीच लगभग 171 करोड़ रुपये का उत्पादन नुकसान हुआ है।

बिजली की लागत पर सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि टीएएनजीईडीसीओ अपने संयंत्रों से उत्पादन बढ़ाने में विफल रहा है और निजी कंपनियों से अधिक कीमतों पर बिजली की खरीददारी की है।

–आईएएनएस

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