तमिलनाडु सरकार ने पाया कि विप्रो की फैक्ट्री कोविड नियमों, श्रम कानूनों का पालन नहीं कर रही

चेन्नई, 1 जून (आईएएनएस)। तमिलनाडु के औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य विभाग ने हाइड्रोलिक सिलेंडर बनाने वाली कंपनी विप्रो एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को फैक्ट्री अधिनियम और उससे जुड़े श्रम कानूनों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
विभाग के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह संयंत्र का निरीक्षण किया और यह भी पाया कि यह सुरक्षा के लिए कोविड -19 मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन नहीं कर रहे थे।

सरकारी अधिकारियों ने कोविड -19 सुरक्षा एसओपी के खिलाफ कई विसंगतियां पाईं। मसलन,

-कुछ कर्मचारी काम और परिवहन के दौरान मास्क नहीं पहने हुए थे;

-कैंटीन, शौचालय, कार्यस्थल और परिवहन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं;

– पर्याप्त बहते पानी और तरल साबुन के साथ गेट पर हाथ धोने की सुविधा का अभाव;

-कारखाने के कई हिस्सों में सैनिटाइजेशन सुविधाओं का अभाव;

-शॉप फ्लोर, कैंटीन, शौचालय और अन्य स्थानों को नियमित रूप से कीटाणुरहित नहीं किया जाता है;

– पैडल से चलने वाले पानी के डिस्पेंसर और पानी के कपों का उपयोग और फेंकना;

-कर्मचारियों की संख्या के अनुसार पूर्णकालिक चिकित्सा अधिकारी उपलब्ध नहीं;

– पात्र 41 श्रमिकों में से 45 वर्ष से अधिक आयु के तीन श्रमिकों को ही टीका लगाया गया है।

औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशालय ने कहा कि वह आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत कारखाने के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकता और रिपोर्ट जिला कलेक्टर कांचीपुरम को भेज दी गई है।

वर्कर्स यूनियन यूनाइटेड लेबर फेडरेशन (यूएलएफ) ने कंपनी और तमिलनाडु सरकार के आदेश के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें कुछ इकाइयों को कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान काम करने की अनुमति दी गई है।

–आईएएनएस

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