तेदेपा नेता जयदेव गल्ला, कनकमेदला रवींद्र कुमार, केसिनेनी श्रीनिवास और राम मोहन नायडू किंजारापू ने मंगलवार को भेजे पत्र में लिखा, तेदेपा की मांग है कि तिरुपति संसदीय उपचुनाव में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान कराने के लिए आपातकाल के आधार पर इन पहलुओं को लागू किया जाए : नायडू पर हमले की जांच और संबंधितों के खिलाफ उचित कार्रवाई शुरू करें।
उनकी अन्य मांगों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती, लाइव स्ट्रीमिंग के लिए सभी मतदान केंद्रों पर वेब कैमरे लगाने, कथित फर्जी मतदाता पहचानपत्र के बदले वैकल्पिक पहचानपत्र का प्रावधान, माइक्रो ऑब्जर्वर और चुनाव पर्यवेक्षकों की तैनाती शामिल है।
अन्य मांगों में चुनाव प्रक्रिया में गांव और वार्ड स्वयंसेवकों पर रोक, धन व शराब वितरण पर पाबंदी, चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को पर्याप्त सुरक्षा और अवैध मतों से बचने की मांग शामिल है।
उन्होंने लिखा, चुनाव आयोग द्वारा त्वरित और निष्पक्ष जांच से ही तिरुपति संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं के बीच लोकतांत्रिक चुनावों में विश्वास बहाल होगा।
संवैधानिक संस्था को यह पत्र नायडू पर सोमवार रात हुए कथित पथराव के बाद लिखा गया है। नायडू पर हमला उस समय किया गया, जब वह तिरुपति उपचुनाव के लिए तेदेपा की उम्मीदवार पानाबाका लक्ष्मी के लिए प्रचार कर रहे थे।
तेदेपा नेताओं के मुताबिक, यह हमला कथित तौर पर सत्तारूढ़ युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) समर्थकों ने किया था।
उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग से आंध्र प्रदेश में लोकतंत्र को बचाने का आह्वान किया।
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट तिरुपति में उपचुनाव 17 अप्रैल को होना है।
–आईएएनएस
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