पांच रुपये में भोजन कराने वाला टीडीपी के जमाने का कैंटीन भी बंद

हैदराबाद, 22 अगस्त (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी सरकार द्वारा बंद की जा रही पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं में अन्ना कैंटीन भी शामिल है, जो महज 5 रुपये में बड़ी संख्या में गरीबों और मध्य वर्ग को भोजन मुहैया कराता था।

हालांकि यह पहली योजना होगी, जिसे बंद करने के फैसले का आम जनता पर सीधा और तुरंत असर पड़ेगा।

पिछली टीडीपी सरकार में अनियमितता का हवाला देते हुए सरकार ने सभी 204 कैंटीनों को सरकार ने 1 अगस्त से बंद कर दिया था।

ये कैंटीन पिछले साल जुलाई-अगस्त से काम कर रहे थे और गरीबों के लिए वरदान की तरह थे, जहां उन्हें 5-5 रुपये में नाश्ता, खाना और रात का भोजन मिलता था।

सैंकड़ों दैनिक मजदूरों, भिखारियों, अन्य गरीबों और मध्य वर्ग के ग्राहकों को तीनों समय का भोजन महज 15 रुपये में मिलता था, जबकि बाजार में इसकी कीमत कम से कम 150 रुपये है।

हरेक कैंटीन में हर सत्र में 1,000-1,200 लोगों को भोजन मुहैया कराया जाता था, इस प्रकार से सभी कैंटीन रोजाना छह लाख भोजन मुहैया कराते थे।

इन कैंटीनों में नाश्ते में इडली, उपमा और पोंगल दिया जाता था। दिन के भोजन और रात के भोजन में चावल, करी, दाल, सांभर, दही और अचार दिए जाते थे।

ये कैंटीन अम्मा कैंटीन की तर्ज पर शुरू किए थे। राज्य के 73 नगर निगम क्षेत्रों में कुल 204 अन्ना कैंटीन खोले गए थे।

एक गैर सरकारी संस्था अक्षय पात्र इन कैंटीनों के लिए भोजन पकाकर आपूर्ति करती थी।

वाईएसआरसीपी नेताओं ने आरोप लगाया कि टीडीपी ने यह योजना चुनाव को देखते हुए शुरू की थी और राजनीतिक कारणों से कैंटीन का रंग पीला रखा था, जोकि टीडीपी के झंडे का रंग है।

टीडीपी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक बदले की कार्रवाई के तहत इन कैंटीनों को बंद कर रही है।

चंद्रबाबू नायडू ने एक ट्वीट में कहा, “लाखों लोग अब महज 5 रुपये में पौष्टिक खाना खाने से वंचित हो जाएंगे और 20,000 से ज्यादा कर्मचारियों की आजीविका छिन जाएगी। इन लोगों ने क्या गलती की है, जो इन्हें दंडित किया जा रहा है।”

वाईएसआरसीपी सरकार ने कहा कि इन कैंटीनों को अस्थायी रूप से बंद किया गया है, ताकि चीजों में सुधार किया जा सके।