द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने रविवार को बताया कि सर्वेक्षण से पता चला है कि प्रांतों में प्राथमिक, मध्य और मैट्रिक स्तर पर शुद्ध नामांकन या तो स्थिर रहा है या उनमें घटते रुझान को दिखाया गया है।
पंजाब में सभी स्तरों पर नामांकन सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद खैबर पख्तूनख्वा (के-पी) और सिंध हैं जबकि बलूचिस्तान में सबसे कम हैं।
पीबीएस सर्वेक्षण में कहा गया है, पांच-16 वर्ष की आयु के 32 प्रतिशत बच्चे हैं जो वर्तमान में स्कूल से बाहर हैं, स्कूली बच्चों का उच्चतम प्रतिशत बलूचिस्तान (47 प्रतिशत) और सबसे कम पंजाब (26 प्रतिशत) में है।
इसमें कहा गया है, पंजाब में राजनपुर, सिंध में थट्टा, के-पी और हरनाई में कोहिस्तान और बजूर, किला अब्दुल्ला और जियारत (बलूचिस्तान में) अपने-अपने प्रांतों में शिक्षा संकेतकों में सबसे नीचे हैं।
यूनेस्को के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2020 तक पाकिस्तान में 15 वर्ष और उससे ज्यादा आयु के लोगों की साक्षरता दर 59 प्रतिशत थी।
–आईएएनएस
एसएस/आरजेएस