महाराष्ट्र की राजनीति! राज्यपाल को विमान से उतारनेवाले सत्ताधारी संविधान न सिखाएं- अतुल भातखलकर

मुंबई: ऑनलाइन टीम- विधान परिषद के 12 राज्यपाल नियुक्त सदस्यों के चुनाव के संदर्भ में आज शिवसेना के मुखपत्र सामना में टिप्पणी की गई। शिवसेना ने बीजेपी और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा है। 12 विधायकों को समय पर नियुक्त न करना संविधान के नियमों का उल्लंघन करना है। हाईकोर्ट ने अब फटकार लगाई है, ऐसा शिवसेना ने कहा है। इस बीच अब शिवसेना और भाजपा आमने-सामने आ गई है। भाजपा नेताओं ने शिवसेना पर टिप्पणी की है।

भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने शिवसेना को बहुत सुनाया है। उन्होंने ट्वीट कर शिवसेना को जवाब दिया है। अतुल भातखलकर ने कहा, “12 विधायकों की नियुक्ति रोकना संविधान का मजाक है, सामना… जनता द्वारा दिए गए बहुमत का उल्लंघन और विश्वासघात कर सरकार बनानेवाले और राज्यपाल को विमान से उतरवाने वाले सत्ताधारी राज्यपाल को संविधान न सिखाएं।

शिवसेना ने क्या टिप्पणी की?

“विपक्ष इस अंधविश्वास पर जी रहा है कि हम महाराष्ट्र में वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकेंगे, लेकिन यह विश्वास ‘ऑक्सीजन’ नहीं बल्कि कार्बन डाइऑक्साइड है। विषैली गैस है। हम इस संघर्ष में दम घुटने के खतरे से आगाह कर रहे हैं। जोड़-तोड़ तांबा-पितल के रास्ते को अपनाकर जुगाड़ किया जा सकता है, तो इस जुगाड़ योजना के सहयोगी होनेवाले पर इन 12 विधायकों के टुकड़े फेंके जा सकते हैं, वैसे यह स्वच्छ भारत अभियान है और इस योजना के अंतर्गत 12 विधायको की नियुक्ति को रोकी गई है। लेकिन इस जुगाड़ योजना को लागू करने का सपना सच होने की संभावना नहीं है। 12 विधायकों को समय पर नियुक्त न करना साधारण भाषा में संविधान की अवहेलना है। हाईकोर्ट ने अब फटकार लगाई है। राज्यपाल महोदय, फाइल अलमारी में रखने के लिए है या निर्णय लेने के लिए?अगर इसे राज्यपाल ने गंभीरता से लिया तो यह बहुत है। महाराष्ट्र का संयम टूटे, यह कोई न भूले।  महाराष्ट्र प्रगतिशील, उदारवादी है, इसलिए इसे कायर न समझे, ”शिवसेना ने सीधे राज्यपाल को सुनाया है।

राज्यपाल छह महीने से एक फाइल की राजनीति कर रहे हैं

बड़ों और मेहमानों का सम्मान करना महाराष्ट्र की परंपरा है। ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो राज्यपालों को करने की आवश्यकता है। फाइलों पर बैठने की बजाय इन कामों को करने से उनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। महाराष्ट्र में टीकों की कमी है। राज्यपाल को इस संबंध में केंद्र से बात करनी चाहिए। तूफान ताउते के कारण नुकसान हुआ। प्रधानमंत्री ने गुजरात के तूफान पीड़ितों को एक हजार करोड़ रुपये दिए। तो महाराष्ट्र के साथ अन्याय क्यों? मेरे राज्य के लिए भी 15 सौ करोड़ रुपये देने की मांग राज्यपाल को करनी चाहिए, ऐसा कर के महाराष्ट्र की जनता का दिल जीत लेना चाहिए। यह सब करने के अलावा राज्यपाल छह महीने से एक फाइल का राजनीतिकरण कर रहे हैं। अब वह फाइल भी भूतों ने छीन ली है। राजभवन के पीछे कौन सा भूतिया घर का केंद्र बना है? हमें एक बार शांति यज्ञ कराना होगा, यह सलाह शिवसेना ने दिया है।