पीएचडीसीसीआई, बीएसई ने ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने में मदद के लिए हाथ मिलाया

नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) और बीएसई वित्तीय बिरादरी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना को लेकर संसाधनों का सृजन और विस्तार करने के लिए आगे आए हैं। ऑक्सीजन प्लांट नई दिल्ली स्थित तीरथ राम शाह चैरिटेबल हॉस्पिटल (टीआरएससीएच) में स्थापित किया जाएगा।

एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि इस पहल का शीर्षक मिशन ऑक्सीजन – टीआरएससीएच अचीव्स फ्रीडम-74 रखा गया है।

पीएचडीसीसीआई और टीआरएससीएच अस्पताल के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) केवल सामान्य वार्ड के रोगियों और उन लोगों को ऑक्सीजन की सहायता प्रदान करेगा, जो स्वास्थ्य सेवा का खर्च नहीं उठा सकते हैं।

कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच मेडिकल ऑक्सीजन के लिए टीआरएससीएच से पर्याप्त मांग देखने को मिली और पीएचडीसीसीआई में पूंजी और कमोडिटी मार्केट कमेटी के अध्यक्ष विजय भूषण ने बीएसई, कॉपोर्रेट्स और व्यक्तियों से पीएचडीसीसीआई के साथ पहल के लिए फंड जुटाने की अपील की।

पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने एक बयान में कहा, मैं विजय भूषण और बीएसई को टीआरएससीएच में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के ऐसे नेक काम के लिए एक साथ आने के लिए बधाई देता हूं, जो अस्पताल में ऑक्सीजन की निरंतर मुफ्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगा और महामारी के इस महत्वपूर्ण समय में कई लोगों की जान बचाने में मदद करेगा।

उन्होंने कहा कि चैंबर ने 10 ऑक्सीजन संयंत्रों को आयात करने का कार्य भी किया है, जिन्हें भारत भर के विभिन्न अस्पतालों और नसिर्ंग होम में दान के तौर पर स्थापित किया जाएगा।

इस पहल के बारे में विस्तार से बताते हुए, विजय भूषण, चेयर, कैपिटल एंड कमोडिटी मार्केट कमेटी, पीएचडीसीसीआई ने कहा, फ्रीडम-74 एक ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना के लिए मिशन ऑक्सीजन-टीआरएससीएच के लिए एकत्रित 74 लाख रुपये के कुल योगदान का प्रतीक है। लेकिन इससे भी बढ़कर हमें 1947 में तो आजादी मिली और 74 साल बाद 2021 में टीआरएससीएच बाहरी ऑक्सीजन पर निर्भरता से मुक्ति पाकर अब आत्मनिर्भर बन जाएगा।

बीएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा, यह हमें बहुत संतुष्टि देता है कि हम संसाधनों को बढ़ाने में सक्षम हैं। बीएसई अपने सभी सदस्यों से ऐसी चीजों में योगदान करने की अपील करता है ताकि जब आवश्यक हो तो हम अपने समुदायों को सहायता प्रदान कर सकें।

–आईएएनएस

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