बिना चार्ज के ही जारी है दो सालों से खरीददारी

डॉ रॉय के कार्यकाल में हुई खरीददारी की जांच की मांग

पिम्परी। पुणे समाचार ऑनलाइन

मुख्य स्वास्थ्य व चिकिसीय अधिकारी पद पर मियाद बढ़ाने की मंजूरी लिए बगैर गत दो सालों से डॉ. अनिल रॉय इस पद पर बने हुए हैं। इस कार्यकाल में करोड़ों रुपये की खरीददारी की गई है, जोकि नियमबाह्य है। यह आपत्ति जताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रमेश वाघेरे ने डॉ रॉय के कार्यकाल में की गई खरीददारी की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि डॉ रॉय को उक्त पद का पदभार एक साल हेतु सौंपा गया था, इसके बाद उनकी मियाद बढ़ाई नहीं गयी है। इसके बावजूद वे नियमबाह्य तरीके से पिम्परी चिंचवड़ मनपा के मुख्य स्वास्थ्य व चिकिसीय अधिकारी पद पर जमे हुए हैं।

मनपा के उक्त पद को लेकर डॉ रॉय और डॉ पवन सालवे के बीच कई सालों से विवाद जारी है। मनपा के प्रशासन खासकर आयुक्त द्वारा ठोस भूमिका न लिए जाने से यह विवाद दिन ब दिन गहराते जा रहा है। गत वर्ष 23 अगस्त को डॉ रॉय की जगह डॉ सालवे को प्रमोशन देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे विधि समिति ने 8 सितंबर को मंजूरी दी। इस पर आपत्ति जताते हुए डॉ रॉय ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और 2 जुलाई तक स्थगिति आदेश प्राप्त किया। 20 मार्च की सर्व साधारण सभा मे विपक्ष के पुरजोर विरोध को ताक पर रखते हुए सत्ताधारी भाजपा ने अदालत के आदेेश के अधीन रहकर डॉ सालवे के प्रोमोशन का प्रस्ताव पारित किया।

मनपा आयुक्त श्रवण हार्डिकर ने उच्च अदालत के अंतिम फैसले तक डॉ रॉय का पदभार नहीं निकाला जा सकता, यह स्पष्ट किया है। इसके चलते सामाजिक कार्यकर्ता रमेश वाघेरे ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी। 31 मार्च 2013 को डॉ एस बी गायकवाड़ के रिटायर होने के बाद प्रमोशन समिति ने डॉ रॉय को मुख्य स्वास्थ्य व चिकिसीय अधिकारी पद का प्रोमोशन देने की सिफारिश की। विधि व सर्व साधारण सभा की मंजूरी मिलने में होने वाले विलंब को ध्यान में रख अस्थायी तौर पर 1 जून 2013 को तत्कालीन मनपा आयुक्त डॉ श्रीकर परदेशी ने उन्हें पदभार भी सौंपा। उनके बाद मनपा आयुक्त राजीव जाधव ने 28 अप्रैल 2015 को उनका आदेश निष्कासित किया। इसके बावजूद डॉ रॉय इस पद पर कायम हैं, 2016 से उनके पदभार के बारे में कोई आदेश नहीं दिया गया है। ऐसे में डॉ रॉय के कार्यकाल में की गई खरीददारी के साथ ही उनका समर्थन करनेवाले मनपा आयुक्तों व अन्यों की जांच होनी जरूरी है, ऐसा वाघेरे ने कहा है।