भिड़े गुरुजी के खिलाफ अब तक एक भी सबूत नहीं मिला है- मुख्यमंत्री

मुंबई : पुणे समाचार

भीमा-कोरेगाव हिंसा मामले में संभाजी भिड़े गुरुजी पर की गई जाँच में अब तक उनके खिलाफ एक भी सबूत नहीं मिला है। जाँच अभी भी जारी है। यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी। विधानसभा में कानून-व्यवस्था पर चल रही चर्चा के जवाब में उन्होंने यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री के अनुसार एक महिला ने बताया था कि उसने भिड़े गुरुजी और मिलिंद एकबोटे को फसाद करते हुए देखा था। उस शिकायत को दर्ज भी किया गया था। लेकिन अब तक की जाँच में ऐसा एक भी सबूत नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि मिलिंद एकबोटे को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर नहीं बल्कि राज्य सरकार के प्रयत्नों से गिरफ्तार किया गया है। मिलिंद एकबोटे फरार थे। उन्हें खोजने के लिए पथक तैयार किए गए। न्यायालय का कहना था कि उन्हें गिरफ्तार न करते हुए जाँच की जाए। पुलिस ने हिरासत में जाँच करने का निर्णय लिया।

भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कल की मुलाकात में कहा कि वे इस मामले में भिड़े गुरुजी के शामिल होने के सबूत देंगे। उनके द्वारा दिए जाने वाले सबूतों का विश्लेषण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है और यदि उसमें मेरे परिवार का भी कोई सदस्य शामिल दिखाई दिया, तो उसे भी नहीं बख्शा जाएगा।

घटनाक्रम

मुख्यमंत्री ने घटनाक्रम को इस तरह बयां किया- भीमा-कोरेगाव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। वढू में समाधि तोड़े जाने संबंधी बोर्ड लगाया गया। घटना के बाद उस गाँव ने ‘गाँव बंद’ का ऐलान किया। एक समूह ने ‘जय शिवाजी जय भवानी’ के नारे लगाने शुरू किए। दूसरे समूह को लगा कि इन नारों का अर्थ उनके विरोध में है सो उन्होंने भी नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने दोनों समूहों को दूर किया। इन्हीं हालातों में एक युवक की हत्या हो गई। घटना क्रम की सारी क्लिपिंग्स राज्य सरकार और पुलिस के पास है। भीमा कोरेगाव हिंसा के मामले में नौ हजार 234 लोगों पर कार्रवाई की गई। हिंसा में 13 करोड़ 80 लाख रुपए का नुकसान हुआ।