भोपाल में पौधारोपण करने वाले बच्चे पेड़ पर लगा सकेंगे अपने नाम का टैग

 भोपाल, 24 जुलाई (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की राजधानी में कम होती हरियाली सभी की चिंता का विषय बन गई है। यही कारण है कि बारिश के मौसम में पौधा रोपण को प्रमुखता दी जा रही है।

  नवाचार के तहत पौधारोपण में बच्चों की हिस्सेदारी बढ़ाने के प्रयास जारी हैं और इसके लिए एक अनोखा तरीका निकाला गया है। अब जो बच्चा पौधा रोपण करेगा उसे अपनी मर्जी के अनुसार नाम देने का अधिकार होगा, अर्थात वह अपना अथवा अपने परिजन के नाम का टैग उस पेड़ पर लगा सकेगा। राजधानी में हरितशाला पखवाड़ा 25 जुलाई से 31 जुलाई तक चलाया जाना है, इसमें स्कूली छात्रों और उनके पालकों की सहभागिता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। इस अभियान के तहत 40 हजार पौधे रोपे जाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस अभियान के तहत स्कूल परिसर अथवा अपने घर पर पौधा लगाने के लिए छात्र को प्रेरित किया जाएगा, प्रमाण के तौर पर छात्र को छायाचित्र देना हेागा।

संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव के अनुसार, “छात्र अपने विद्यालय अथवा घर पर पौधा लगा सकेगा, चाहे तो छात्र स्वयं अपना पौधा लाकर लगा सकता है, छात्र अपना तथा अपने परिजनों के नाम का टैग पौधे पर लगाकर उसकी स्वयं देखभाल भी करेंगे।”

इस अभियान के तहत प्रत्येक विद्यालय में ईको क्लब, वृक्ष रक्षक एवं पर्यावरण वाहिनी का गठन किए जाने के साथ इन समितियों को पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जाएगी।

गौरतलब है कि राजधानी दो दशक पहले तक हरियाली वाला शहर होने के साथ कम गर्मी वाली नगरी हुआ करता था, लेकिन विकास की आड़ में हुई वृक्षों की कटाई ने शहर की सूरत ही बदल दी है।

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि, पिछले 20 साल में भोपाल राजधानी क्षेत्र में वृक्षाच्छादन का क्षेत्र 66 प्रतिशत से घटकर 22 प्रतिशत रह गया है। इससे तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस की वृद्घि हुई है।

एक तरफ जहां छात्रों की पौधारोपण में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए हरितशाला पखवाड़ा चलाया जाना है, वहीं दूसरी तरफ ‘हरा भोपाल-शीतल भोपाल’ अभियान शुरू किया गया है, जिसमें हर वर्ग के लोगों की हिस्सेदारी बढ़ाई जा रही है। पौधारोपण के इच्छुक लोगों को मात्र 10 रुपये की दर पर पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। स्थानीय पर्यावरण और परिवेश की दृष्टि से उपयुक्त पौधे आंवला, हर्रा, आम, जामुन, नीम, महुआ, पीपल, बरगद, सागौन, अर्जुन, मुनगा, सीताफल, कदम्ब, मोरसी, अमरूद आदि रोपे जाने का सुझाव दिया जा रहा है।