मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मल्टीप्लेक्स की मनमानी पर लगाम लगाते हुए साफ़ किया है कि मल्टीप्लेक्स में उपलब्ध खाने-पीने की सभी चीज़ें सामान्य कीमत पर ही मिलनी चाहिए। साथ ही अदालत ने कहा है कि मल्टीप्लेक्स बाहरी खाना, पानी या कोल्ड ड्रिंक्स लाने से किसी को रोक नहीं सकते। गौरतलब है कि मल्टीप्लेक्स वाले अपनी तरफ से इन चीजों को सिनेमा हॉल में नहीं ले जाने देते हैं, ताकि उन्हें अन्य स्रोतों से भी कमाई हो सके।
क्या है आधार
स्थानीय निवासी जिनेंद्र बक्शी इस मामले के जनहित याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि घर से खाने-पीने की वस्तुएं ले जाने पर रोक से खासकर बुजुर्गों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वे मल्टीप्लेक्स में उपलब्ध जंक फूड नहीं खा सकते, यहां तक कि युवाओं को भी उनसे परेशानी होने की आशंका रहती है। इसी के मद्देनजर अदालत ने यह आदेश दिया।
क्या कहा अदालत ने
जस्टिस शांतनु केमकर और जस्टिस मार्कंड कार्निक की बेंच के कहा, या तो मल्टीप्लेक्स में पूरी तरह से खाना-पानी ले जाने पर रोक होनी चाहिए या फिर दर्शकों को भी इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। ऐसा नहीं हो सकता कि एक तरफ वेंडर थियेटर में महंगे दामों में सामान बेचें और आम लोगों को अपना खाना-पानी ले जाने से रोका जाए।
सरकार भी सख्त
गौरतलब है कि मल्टीप्लेक्स, खाद्य वस्तुओं के कई गुना ज्यादा दाम वसूलते हैं। पानी, पॉपकॉर्न, कोल्ड ड्रिंक्स महंगे दामों पर बेचे जाते हैं। केद्र सरकार ने नियमों में बदलाव किए हैं, इसके तहत एमआरपी से ज्यादा पैकेज्ड पानी पर कीमत नहीं वसूल सकते है। एयरपोर्ट,मल्टीप्लेक्स, होटलों में एक ही सामान के दो अलग एमआरपी नहीं लगाए जा सकते हैं।