शिनुआ के मुताबिक उनकी यह रिपोर्ट 19 देशों में प्राइस वाटर हाउस कूपर कंपनी में काम करने वाले 32,000 कर्मचारियों पर किए गए सर्वे के बाद सामने आई है।
सर्वे के अनुसार दुनिया भर के 40 प्रतिशत कर्मचारियों को लगता है कि वह अगले 5 सालों में अपनी नौकरी खो देंगे, जबकि 56 प्रतिशत लोगों को लगता है कि वह भविष्य में भी लंबे समय तक के लिए रोजगार के विकल्प हासिल कर पाएंगे।
60 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की दरकार है कि सरकार उनकी नौकरियों की सुरक्षा करे।
विश्वव्यापी लॉकडाउन में 40 प्रतिशत लोगों ने अपनी डिजिटल स्किल को बेहतर किया , जबकि 77 प्रतिशत लोग कुछ नया सीखने और खुद में सुधार के लिए तैयार हैं।
तकरीबन 80 प्रतिशत लोग अपनी योग्यता पर विश्वास करके नई टेक्नोलोजी को सीखने के प्रति आश्वस्त हैं।
पिछली वर्ल्ड इकोनोमिक की रिपोर्ट के अनुसार बढ़ती मशीनों की तादाद और आर्टिफिशियल इनटेलिजेंस के कारण 8.5 करोड़ नौकरियां खतरे में है। मौजूदा हालत में 9.7 करोड़ रोजगार के सृजन की बात कही गई।
–आईएनएस
अरजेएस