महापौर ‘भोसरी’ का ही, सभागृह नेता पद ‘चिंचवड़’ में

बदलाव की बयार में सभागृह नेता पर गिरेगी गाज!

संतोष मिश्रा

पिम्परी। पुणे समाचार ऑनलाइन

स्थायी समिति अध्यक्ष पद को लेकर पिम्परी चिंचवड़ मनपा की सत्ताधारी भाजपा में सियासी घमासान शांत होने के लिए दोनों पक्षों में जो ‘डील’ हुई, उसका खुलासा हो गया है। पार्टी के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप और भोसरी के विधायक महेश लांडगे के बीच यह ‘डील’ हुई है, जिसमें स्थायी समिति अध्यक्ष पद जगताप के चिंचवड़ निर्वाचन क्षेत्र में जाने के बाद महापौर पद लांडगे के भोसरी निर्वाचन क्षेत्र में ही कायम रखना तय हुआ है। बदलाव की इस बयार में सभागृह नेता एकनाथ पवार पर गाज गिरनी निश्चित मानी जा रही है क्योंकि यह पद भी चिंचवड़ निर्वाचन क्षेत्र में जाना दोनों विधायकों की ‘डील’ में तय किया गया है।

क्या हुआ था सालभर पूर्व

मनपा में सत्ता परिवर्तन को कल एक साल पूरे होने जा रहे हैं। साल भर पूर्व सत्ता मिलने के बाद भाजपा के पहले महापौर के तौर पर विधायक महेश लांडगे गुट के नितिन कालजे को मौका मिला। तब विधायक लक्ष्मण जगताप गुट को करारी मात मिली थी। हांलाकि स्थायी समिति अध्यक्ष पद इस गुट की सीमा सावले को मिलने से यह घाव कम गहरा साबित हुआ। सभागृह नेता भाजपा के पुराने निष्ठावान गुट के एकनाथ पवार को मिला। दूसरे साल स्थायी समिति का अध्यक्ष पद अपने गुट के पास रहे इसके लिए विधायक महेश लांडगे एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए थे। इस बार मात्र उन्हें विधायक जगताप ने पटखनी दे दी और अपनी समर्थक ममता गायकवाड़ को मौका देकर स्थायी समिति अध्यक्ष पद लगातार दूसरे साल अपने कब्जे में रखने में सफलता पायी।

क्या हुई है ‘डील’

विधायक लांडगे गुट के राहुल जाधव को मौका न मिलने से भाजपा में सियासी घमासान छिड़ गया। इस गुट के जाधव के साथ ही महापौर नितिन कालजे और क्रीड़ा समिति अध्यक्ष लक्ष्मण सस्ते ने अपने इस्तीफे सौंप दिए। इस्तीफों का दौर एक ड्रामा ही साबित हुआ और असन्तुष्ट गुट के जाधव के साथ ही दूसरे नाराज शीतल शिंदे के वोटों को हासिल करने में कामयाबी पाते हुए ममता गायकवाड़ स्थायी समिति अध्यक्ष पद का चुनाव जीत गई। इस चुनाव से पूर्व दोनों विधायकों की वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक हुई। दोनों पक्षों के बीच एक ‘डील’ हुई जिसमें महापौर पद विधायक लांडगे गुट के पास कायम रखने की बात तय हुई। साथ ही सभागृह नेता पद विधायक जगताप गुट के पास सौंपना तय किया गया। ये पद दोनों विधायक अपने उन समर्थकों के हवाले करेंगे जो महापौर और स्थायी समिति अध्यक्ष पद न मिलने से नाराज चल रहे हैं। पुणे समाचार के पास अगले महापौर और सभागृह नेता पद की जिम्मेदारी जिन्हें सौंपी जानी है, उनके नाम भी मौजूद हैं। इसका खुलासा अगली खबर में जल्द ही किया जाएगा।