मिलिंद एकबोटे को सशर्त जमानत

पुणे: कोरेगांव भीमा मामले में गिरफ्तार समस्त हिंदू आघाडी के कार्याध्यक्ष मिलिंद एकबोटे को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस. एम. मेनजोगे ने गुरूवार को सशर्त जमानत दे दी है। एकबोटे के वकील एस. के. जैन तथा अमोल डांगे ने जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसका सरकारी वकील उज्ज्वला पवार ने विरोध किया था। जमानत की शर्तों के अनुसार एकबोटे न पत्रकारवार्ता ले पाएंगे और न ही उन्हें कोई सभा आयोजित करने या भाषण देने की अनुमति होगी। इसके अलावा उन्हें हर सोमवार को शिक्रापुर पुलिस थाने में हाजिरी भी लगानी होगी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि बगैर कोर्ट की पूर्व अनुमति के एकबोटे देश के बाहर नहीं जा सकते। मालूम हो कि इससे पहले एकबोटे को एट्रोसिटी के केस में जमानत मिल चुकी है। लिहाजा अब वे जेल से बाहर आ सकेंगे।

क्या है मामला

गौरतलब है कि 1 जनवरी को पुणे के कोरेगांव भीमा में दो समुदायों के बीच दंगा भड़क गया था। इस हिंसा में एक युवक की मौत भी हो गई थी। इस संबंध में एकबोटे तथा संभीजा भिड़े गुरूजी के खिलाफ दंगा भड़काने के आरोपों के तहत शिक्रापुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने 14 मार्च को एकबोटे को उनके शिवाजीनगर स्थित घर से गिरफ्तार किया था। उन पर धारा 307 सह 120 (ब) सार्वजनिक संपत्ति नुकसान को पहुंचना, प्रतिबंध कानून की धारा 3 एवं 4, महाराष्ट्र पुलिस कानून की धारा135, क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा 7 सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।