नायडू का यह बयान उस संदर्भ में आया है, जब पिछले हफ्ते उच्च सदन में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता के बयान संबंधी मुद्दा उठाने के बाद वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता विजई साईं रेड्डी ने राज्यसभा सभापति पर निशाना साधा था।
बहरहाल, जब सभापति ने कहा कि इस मामले में पॉइंट ऑफ ऑर्डर नहीं उठाया जा सकता, तो रेड्डी ने कुछ टिप्पणी की और उनकी सीट के सामने के माइक को बंद कर दिए जाने के बावजूद वह बोलते रहे।
नायडू ने कहा, जब कोई यह कहता है कि आपका शरीर यहां है, लेकिन दिल वहां है तो मुझे पीड़ा होती है। मेरा दिल देश के साथ है, मेरा दिल संविधान के साथ है, मेरा दिल भारत के लोगों के साथ है। मुझे इस बारे में चिंता नहीं है – लेकिन एक इंसान के रूप में पीड़ा तो होती है। मुझे वाकई बहुत दुख होता है।
उन्होंने कहा कि यदि नियमों के अनुसार अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता तो मुझे कोई समस्या नहीं थी, लेकिन राज्यसभा के अध्यक्ष को निष्क्रिय करने के लिए किए गए प्रयासों के आगे मैं घुटने नहीं टेकूंगा।
नायडू ने कहा कि उन्होंने पद स्वीकार करने से पहले भाजपा से इस्तीफा दे दिया था और किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में भाग नहीं लिया।
–आईएएनएस
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