राष्ट्रपति का एक चुनाव, महिलाओं के खिलाफ अपराध पर कड़ी सजा पर जोर (लीड-1)

नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)| राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को सभी सांसदों से सरकार की ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा पर विचार करने का आग्रह किया और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर सख्त सजा सुनिश्चित करने पर जोर दिया, जो सुरक्षित राष्ट्र निर्माण के प्रयास का हिस्सा है। संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने नई मोदी सरकार के भ्रष्टाचार पर ‘शून्य सहिष्णुता’ पर भी ध्यान केंद्रित किया।

उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दशकों के दौरान देश के कुछ हिस्सों में लगातार चुनाव होने के कारण विकास कार्यक्रमों की गति और निरंतरता प्रभावित हुई है।”

उन्होंने कहा, “हमारे देशवासियों ने स्पष्ट निर्णय देकर अपनी बुद्धि का प्रदर्शन किया है .. ‘एक राष्ट्र – एक साथ चुनाव’ समय की आवश्यकता है, जिससे विकास गति तेज हो, जिससे हमारे देशवासियों को लाभ होगा।”

उन्होंने कहा, “इस तरह की व्यवस्था के साथ सभी राजनीतिक दल विकास और लोक कल्याण के लिए अपनी ऊर्जा का बेहतर उपयोग करने में सक्षम होंगे। इसलिए, मैं सभी सांसदों से ‘एक राष्ट्र-एक साथ चुनाव’ के इस विकास प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह करता हूं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव पर विचार करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद कोविंद की यह अपील आई है।

17वीं लोकसभा के गठन के बाद अपने पहले संबोधन में कोविंद ने महिलाओ के खिलाफ अपराधों के लिए सख्त सजा सुनिश्चित करने का सरकार से आग्रह किया और कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य एक सुरक्षित राष्ट्र बनाना है।

उन्होंने कहा, “महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए सजा को कठोर बनाया गया है और नए सजा के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि इसके अलावा उन उद्यमों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए, जहां कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी ज्यादा है।

उन्होंने कहा, “देश में हर बहन-बेटी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए तीन तलाक और निकाह-हलाला जैसी कुप्रथाओं का उन्मूलन जरूरी है।”

उन्होंने 78 महिला सांसदों के चुनाव पर खुशी जताई। यह अब तक लोकसभा में सबसे ज्यादा संख्या है। उन्होंने कहा कि ‘यह नए भारत की तस्वीर को दिखाता है।’

कोविंद ने मोदी सरकार के गठन के 21 दिन के भीतर किसानों, छोटे दुकानदारों व सैनिकों के बच्चों के हित लिए गए कई कदमों का उल्लेख किया।

जल संकट को 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में एक बताते हुए उन्होंने कहा, “जलशक्ति के नए मंत्रालय का निर्माण इस दिशा में एक निर्णायक कदम है, जिसके दूरगामी लाभ होंगे।”

राष्ट्रपति ने सहकारी संघवाद की प्रणाली और भावना को मजबूत करने की भी बात कही।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किए गए हैं और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए आने वाले वर्षों में 25 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य देश में 2024 तक 50,000 स्टार्टअप स्थापित करने का है।”

उन्होंने सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘शून्य सहिष्णुता नीति’ का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “सार्वजनिक जीवन और सरकारी सेवाओं से भ्रष्टाचार को खत्म करने के मिशन को अधिक उत्साह के साथ लागू किया जाएगा।”

उन्होंने कहा, “इसके अलावा मानव इंटरफेस को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को अधिकतम किया जाएगा। लोकपाल की नियुक्ति से पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा। काले धन के खिलाफ अभियान को तेज गति से आगे बढ़ाया जा सकेगा।”

उन्होंने कहा, “पिछले दो वर्षों के दौरान,4 लाख 25 हजार कंपनी निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है और 3.50 लाख संदिग्ध कंपनियों के पंजीकरण को रद्द कर दिया गया है।”

उन्होंने कहा, “भगोड़ा और आर्थिक अपराध अधिनियम , भगोड़े आर्थिक अपराधियों को नियंत्रित करने में प्रभावी साबित हुए हैं। अब हम स्विट्जरलैंड सहित 146 देशों से जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।”