राष्ट्रवादी नहीं धृतराष्ट्रवादी है मोदी सरकार: सुशिल पंडित

पिंपरी : पुणे समाचार

हिंदू धर्मियों ने 2014 में बडी उम्मीदों के साथ भाजपा के हाथों में सत्ता सौंपी, मगर मोदी सरकार ने उन्हें निराश कर दिया है। सरकार की नजर केवल अल्पसंख्यक समुदाय पर है। 28 साल पूर्व कश्मीर से विस्थापित हुए, भाजपा के सत्ता में आने के बाद हम पुनः कश्मीर जा सकेंगे, ऐसा लगा था, मगर हमारी उम्मीदों पर पानी फिर गया। मोदी सरकार हुर्रियत जैसे अलगाववादियों से कश्मीर की पीडीपी सरकार के जरिए नजदीकियां बढ़ा रही है। यह सरकार राष्ट्रवादी नहीं धृतराष्ट्रवादी है। यह टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ कश्मीरी विचारवन्त सुशील पंडित ने मोदी सरकार पर अपनी नाराजगी जाहिर की।

रहाटणी में हिन्दू स्वाभिमान दिन और शिवजयन्ती के उपलक्ष्य में हिंदू स्वाभिमान प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पंडित को ‘हिंदू कुलभूषण पुरस्कार – 2018’ प्रदान किया गया। इस मौके पर मुंबई उच्च न्यायालय के वकील एड. संजिव पुनालेकर, हिंदू स्वाभिमान प्रतिष्ठान के कार्यकारी संचालक पंडित धर्मवीर आर्य, कार्यक्रम के समन्वयक नगरसेवक कैलास बारणे, पूर्व नगरसेवक कुमार जाधव, प्रतिष्ठान के सचिव उत्तम दंडिमे, जगदिश वासवानी, अतुल आचार्य, नगरसेवक चंद्रकांत नखाते, बाबा त्रिभूवन, संस्था के विश्वस्त सुहास पोफले आदि उपस्थित थे।

इस दौरान कश्मीर मसला और देश के समक्ष चुनौती विषय पर अपनी राय रखते हुए उन्होंने आगे कहा कि, कश्मीर शिवशंकर की भूमि है, जिसका हिन्दू धर्मियों में महत्व असाधारण है। पतांजलिनी योग विद्या की शिक्षा की नींव यहां रखी गई, आदी शंकराचार्य तपस्या के लिए केरल से कश्मीर आये थे। कश्मीर ज्ञान आस्था का केंद्र है। बौद्धों ने छः माह के चिंतन मनन के महायान की स्थापना यहीं की। ऐसा हमारा कश्मीर आज झुलस रहा है, यहां के हिन्दू परिवारों को विस्थापित होना पड़ा। आज यहां मात्र 10-15 फीसद ही हिन्दू परिवार रह गए हैं। भाजपा की सरकार आने पर हालात बदलेंगे, हम वापस कश्मीर लौट सकेंगे, ऐसा लगा था। मगर ऐसा नही हो सका है, ऐसे में तो यही कहा जा सकता है कि हिंदुस्तान में लोग सुरक्षित नहीं हैं।