वाइको ने एक बयान में कहा कि मनरेगा योजना से श्रमिकों को बाहर करने का सरकार का आदेश पूरी तरह से अनुचित है और इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि 55 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिकों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के तत्कालीन आयुक्त केएस पलानीसामी द्वारा 20 अप्रैल को जारी किया गया था, जब कोविड के मामले बढ़ रहे थे।
एमडीएमके नेता ने कहा कि यह योजना बड़ी संख्या में ग्रामीण लोगों के लिए एकमात्र सांत्वना है जिसमें निराश्रित, विधवा और बुजुर्ग नागरिक शामिल हैं, जो दिन-प्रतिदिन के जीवन के लिए संघर्ष कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना से कामगारों को प्रतिबंधित करने से ऐसी स्थिति पैदा होगी, जिसमें भुखमरी से होने वाली मौतों की संख्या कोविड की मृत्यु से अधिक होगी।
विधायक ने कहा कि सरकार को इस आदेश को रद्द करना चाहिए जिससे सभी वृद्ध लोग योजना का फायदा उठा सकें।
एमडीएमके प्रमुख ने कहा कि कोविड -19 मामलों की संख्या में गिरावट के साथ, यह उच्च समय है कि आदेश को रद्द कर दिया जाए और 55 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को शामिल किया जाए।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से मनरेगा योजना के लिए तत्काल प्रभाव से टीकाकरण अभियान में तेजी लाने का भी आह्वान किया।
–आईएएनएस
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