अवैध गर्भपात मामले में डॉ. शिवाजी सानप को तीन साल की बामुश्कत कैद

बीड़ : पुणे समाचार

बीड़ में हुई गर्भपात की घटना ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया था। कोर्ट ने गुरुवार को डॉ. शिवाजी सानप को गुरुवार को तीन साल की कैद-ए-बामुश्कत की सज़ा सुनाई। सात साल पहले शिशुओं के मौत के मामले में गर्भपात प्रतिबंध अधिनियम को भंग करने के मामले में द्वितीय जिला न्यायाधीश ए. एस. गांधी ने यह फैसला सुनाया। उस दौरान बीड़ जिले में लड़का-लड़की अनुपात में भारी अंतर देखा गया था।

डॉ. सुदाम मुंडे और सरस्वती मुंडे के अस्पताल में शिशुओं की मौत के बाद शहर की बिंदुसरा नदी में वर्ष 2011 में कुछ मृत शिशु देखे गए थे। विभिन्न संगठनों ने माँग की थी कि इस मामले की जाँच की जाए। पुलिस जाँच में देखा गया कि वे मृत शिशु डॉ. शिवाजी सानप के अस्पताल के थे। डॉ. शिवाजी सानप के साथ अस्पताल के अन्य कर्मचारियों और सहयोगी डॉक्टरों पर गर्भ लिंग जाँच प्रतिबंध कानून तथा गर्भपात प्रतिबंध कानून के तहत अपराध दर्ज किया गया। इस मामले की जाँच करते हुए तत्कालीन पुलिस निरीक्षक विद्यानंद काले ने न्यायालय में आरोप पत्र दर्ज किया था।