वोटबैंक को बचाने के लिए आतंकवाद पर कांग्रेस का रुख नरम : मोदी

कोलकाता, 3 अप्रैल (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए ‘अपने वोटबैंक को बचाए रखने के लिए आतंकवाद पर नरम रुख’ अख्तियार करने का आरोप लगाया और दावा किया कि पार्टी सत्ता में आने के लिए ‘खुले तौर पर’ आतंकवादियों और अलगाववादियों का समर्थन कर रही है।

कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में एक जनसभा के दौरान मोदी ने कहा, “कांग्रेस ने तुष्टीकरण की अपनी नीति और अपने वोटबैंक को संतुष्ट करने के कारण हमेशा आतंकवाद के समक्ष अपनी शीश झुकाया है। क्या आपको याद है आतंकवादी एवं विध्वंसकारी गतिविधियां निरोधक कानून (टाडा) को किसने समाप्त किया था? वह कांग्रेस थी। याद रखिए, कांग्रेस ने आतंकियों व नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर हमेशा झूठे वादे किए हैं।”

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के गढ़ में मोदी ने कहा, “अब सत्ता पाने के लिए वे खुलकर आतंकियों व अलगाववादियों का समर्थन कर रहे हैं। कांग्रेस से निकलकर सामने आई तृणमूल कांग्रेस भी इस अपराध की हिस्सेदार है।”

सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफ्सपा) में संशोधन के वादे के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि पार्टी के ऐसे बयान आतंकियों व पाकिस्तान में बैठे लोगों को प्रोत्साहित करेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया, “कांग्रेस ऐसे बयान दे रही है, जिससे पाकिस्तान में बैठे आतंकियों को मदद और प्रोत्साहन मिलेगा। कांग्रेस देश की सुरक्षा के साथ क्यों खिलवाड़ कर रही है और इस तरह की अशांति फैला रही है? जब से मैंने चौकीदार शब्द का प्रयोग शुरू किया है, तब से कांग्रेस में कुछ नेता सभी चौकीदारों से गुस्सा हैं। इसलिए वे सेना के खिलाफ ऐसे कदम उठा रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस घोषणापत्र 23 मई की पहले से तय एक्सपाइरी डेट के साथ आया है।

23 मई को 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा होनी है।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस को शिकस्त मिलेगी और उसके घोषणापत्र को भी। लोगों ने अपनी मुहर पहले ही लगा दी है।”

खुद को चौकीदार बताते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि वह कांग्रेस के घोषणापत्र और राष्ट्र की सुरक्षा के बीच दीवार बनकर खड़े हैं। उन्होंने संकल्प लिया कि वह ‘कांग्रेस की साजिशों’ को सफल नहीं होने देंगे।

पिछली कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि देश के सशस्त्र बल सर्जिकल स्ट्राइक या हवाई कार्रवाई करने में सक्षम नहीं थे लेकिन तत्कालीन सरकारों में इच्छाशक्ति व मजबूती की कमी थी।

उन्होंने लोगों से पूछा, “मुझे बताइए कि कौन हवाई कार्रवाई के सबूत मांग रहा है? किसे संदेह है? कौन सेना के मनोबल को गिरा रहा है? कौन आतंकियों के शवों को देखना चाहता है? हमारे जवानों से सबूत मांग कर कौन अपराध कर रहा है? क्या यह पुलवामा में हमारे शहीद जवानों का अपमान नहीं है?”

उन्होंने कहा, “हमारी सेना के पास पहले से हवाई कार्रवाई और सर्जिकल स्ट्राइक की क्षमता थी। हमारे वैज्ञानिक पहले से ही अंतरिक्ष में उपग्रहों को तबाह करने में विशेषज्ञ थे। लेकिन, ऐसा नहीं हो सका क्योंकि पिछली सरकारों में इच्छाशक्ति व मजबूती की कमी थी।”