सभा की भीड़ ने उठाया सर्वाधिक लीड वाले दावे पर सवाल

पिंपरी। समाचार ऑनलाईन-  मनोमिलन के बाद विजय संकल्प सम्मेलन में भी भाजपा विधायक महेश लांडगे ने शिवसेना- भाजपा महायुति के प्रत्याशी शिवाजीराव आढलराव पाटिल को शिरूर लोकसभा चुनाव क्षेत्र में भोसरी विधानसभा क्षेत्र से सर्वाधिक लीड दिलाने का दावा किया। हालांकि उनके इस दावे पर खुद सम्मेलन में रही भीड़ ने सवालिया निशान लगा दिया। भोसरी के संत ज्ञानेश्वर मंगल कार्यालय में बुधवार को विजय संकल्प सम्मेलन से महायुति के प्रचार का शुभारंभ किया गया। यह बात नहीं है कि इस सम्मेलन में भीड़ नहीं थी। मगर विधायक लांडगे के आयोजन वाले अब तक सभी कार्यक्रमों की तुलना में आज की भीड़ कम ही नजर आयी।

इस विजय संकल्प सम्मेलन में मीडिया से की गई बातचीत में शिवसेना के सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटिल ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि, इस चुनाव क्षेत्र से चौथी बार चुनाव लड़ रहा हूं। पहले चुनावों की तुलना में इस चुनाव के हालातों में काफी अंतर है। पहले प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सर्वाधिक लीड से चुनाव जीते, अब तो शिरूर लोकसभा चुनाव क्षेत्र के छह में पांच विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना-भाजपा के विधायक हैं। भोसरी में तो पूरे प्रचार की कमान भाजपा के स्थानीय विधायक महेश लांडगे ने उठा रखी है। ऐसे में विरोधी चाहे जो भी दावे करे हमारी जीत निश्चित है। उन्होंने सोशल मीडिया पर विरोधी प्रत्याशी के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से टीका-टिप्पणी न करने की अपील भी की। इस मौके पर महापौर राहुल जाधव, सभागृह नेता एकनाथ पवार, वरिष्ठ नेता सुलभा उबाले समेत दोनों पार्टियों के आला नेता मौजूद थे।

यहां विधायक महेश लांडगे ने मनोमिलन की बैठक के बाद आज फिर एक बार अपना दावा दोहराया कि, शिरूर लोकसभा चुनाव क्षेत्र के सभी विधानसभा क्षेत्रों में सर्वाधिक लीड भोसरी से ही दिलाएंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सांसद आढलराव से मनोमिलन होने तक के हालात कभी थे ही नहीं। उनके इन दावों पर इस सम्मेलन में मौजूद भीड़ ने ही सवालिया निशान लगा दिया है। लांडगे द्वारा अब तक आयोजित किये गए हर कार्यक्रम, फिर चाहे वह राजनीतिक हो या गैर राजनीतिक, में रिकॉर्ड भीड़ रही है। उसकी तुलना में आज के सम्मेलन की भीड़ कम ही नजर आयी। ऐसे में उनके और आढलराव के मनोमिलन के दावे पर भी पर संदेह उठना लाजिमी है। उन्होंने भले ही आढलराव को लेकर अपने मनमुटाव को भूला दिया हो। मगर शायद उनके समर्थकों के लिए शिवसेना और आढलराव द्वारा किये गए आरोपों को भुलाना कठिन जान पड़ रहा है।