श्रीलंका में देशव्यापी आपातकाल का अंत, बौद्धों और मुस्लिमों के बीच छिड़ी हिंसा थी वजह

श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 6 मार्च को लगाए गए देशव्यापी आपातकाल को रविवार को हटा लिया। यह आपातकाल बहुसंख्यक सिंहली बौद्धों और अल्पसंख्यक मुस्लिमों के बीच छिड़ी सांप्रदायिक हिंसा के बाद लगाया गया था। श्रीलंका में हालात सामान्य हो गए हैं। जिसके कारण भारत और जापान की आधिकारिक यात्रा से शनिवार को लौटने के बाद राष्ट्रपति सिरिसेना ने रविवार को देशव्यापी आपातकाल हटा लिया।

उन्होंने एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी। श्रीलंका में 6 मार्च को आपातकाल लागू करने के बाद फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया साइटों पर भी पाबंदी लगा दी गई थी जिसे 15 मार्च को हटा दिया गया। वहां कैंडी और अंपारा जिले में हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी जबकि मस्जिदों सहित मुस्लिमों की सैकड़ों संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था।

पुलिस ने मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा के आरोप में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले सात सालों में यह पहली बार है जब श्रीलंका में आपातकाल लागू किया गया था।

साल 2009 में लिट्टे के साथ खत्म हुए गृह युद्ध के बाद बौद्ध बहुसंख्यक देश में हिंसा की शुरूआत साल 2012 से हुई है। वहां कुछ कट्टपंथी बौद्ध समूह मुस्लिमों पर लोगों का इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराने और बौद्ध पुरातात्विक स्थलों को नुकसान पहुंचाने का लगातार आरोप लगाते रहे हैं।