भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आईएएनएस से कहा, हम बैठक में शामिल होंगे और जो प्रस्ताव हमने रखे हैं, उसपर बात करेंगे। वहीं बात ठीक ठाक रहती है तो अन्य मुद्दे भी बैठक में बताएंगे।
उन्होंने आगे कहा, बिल वापस नहीं लेंगे तो फिर बात करेंगे।
सरकार को बात माननी पड़ेगी और कानून से पीछे हटना पड़ेगा। यदि सरकार बातें नहीं मानती तो हम यहीं बैठे रहेंगे।
सरकार की तरफ से किसानों को चिट्ठी में कहा गया है, इस बैठक में आपके द्वारा प्रेषित विवरण के परिपेक्ष्य में तीनों कृषि कानूनों एवं एमएसपी की खरीद व्यवस्था के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020 एवं विद्युत संशोधन विधेयक 2020 में किसानों से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
दरअसल किसानों ने सरकार से बातचीत करने के लिए 4 मुद्दों पर प्रस्ताव भेजा था, जिसमें पहला, तीन कृषि कानूनों को रद्द/निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि। वहीं दूसरा सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान हो।
तीसरा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं। चौथा किसानों के हितों की रक्षा के लिए विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे में जरूरी बदलाव।
–आईएएनएस
एमएसके/एएनएम