ग्वालियर, 20 सितंबर (आईएएनएस)| रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सशस्त्र बलों को भविष्य के रासायनिक-जैविक हमलों के खिलाफ पूरी तरह से कार्रवाई करने के लिए तैयार किया जाना चाहिए। सिंह रक्षा अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान (डीआरडीई) में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। ग्वालियर स्थित डीआरडीई एकमात्र मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय प्रयोगशाला है, जो पर्यावरण व बॉयो-मेडिकल सैंपल की जांच के लिए इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वीपंस द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह बीते 45 सालों से स्वतंत्र प्रयोगशाला के तौर पर काम कर रही है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “रासायनिक-जैविक हथियारों का इस्तेमाल जीवन, स्वास्थ्य व संपत्ति व वाणिज्य को खतरे में डाल सकता है, जिससे इससे उबरने में लंबा समय लग सकता है। कई क्षेत्रों में जहां हम अपनी सेना तैनात करते हैं, संभावित विरोधी इन हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस चुनौती से पार पाने के लिए हमारे बलों को उचित तरह से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए और प्रभावी संचालन के लिए लैस किया जाना चाहिए, जिससे वे रासायनिक-जैविक हमलों का निर्णायक तौर पर सामना कर सकें।”
उन्होंने कहा, “मुझे जानकर खुशी है कि डीआरडीई ने विषैले एजेंट की पहचान, सुरक्षा व शुद्धिकरण के लिए कई प्रौद्योगिकी विकसित की है। रक्षा उपकरणों के उत्पादन के लिए व्यापक औद्योगिक आधार स्थापित किया गया है, जिसका गुणवत्ता नियंत्रण डीआरडीई द्वारा किया गया है। रासायनिक-जैविक एजेंट की जल्द पहचान उनसे रक्षा के लिए जरूरी है।”