हैदराबाद : लोन ऐप घोटाले में पकड़े गए 4 लोगों में चीनी नागरिक भी शामिल

हैदराबाद, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। हैदराबाद में अवैध लोन ऐप्स मामले में जारी छापेमारी के बीच शुक्रवार को एक कॉल सेंटर पर छापे के दौरान गिरफ्तार चार लोगों में से एक चीनी नागरिक भी शामिल है।

साइबराबाद की साइबर क्राइम पुलिस ने क्यूबेवो टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (स्काइलाइन) कॉल सेंटर पर छापा मारा और चार कर्मचारियों- चीनी नागरिक यी बाई उर्फ डेनिस, सत्य पाल ख्यालिया, अनिरुद्ध मल्होत्रा (दोनों राजस्थान के रहने वाले) और आंध्र प्रदेश के मुरथोटी रिची हेमंत सेठ को गिरफ्तार किया।

साइबराबाद के पुलिस आयुक्त वी.सी. सज्जनार ने कहा कि एक अन्य चीनी नागरिक जिक्सिया झांग मामले का मुख्य आरोपी है और वह एक अन्य आरोपी उमापति उर्फ अजय के साथ फरार है।

जिक्सिया ने उमापति के साथ मिलकर डिजिपेर्गो टेक प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत पिछले साल की थी। उन्होंने सिंगापुर स्थित जिकाई होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड की मदद से एक और कंपनी स्काइलाइन इनोवेशन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को शामिल किया। उसने इंस्टेंट लोन ऐप्लिकेशंस विकसित किए और उन्हें गूगल प्ले स्टोर पर होस्ट किया। उसने भारत में विभिन्न स्थानों पर कॉल सेंटर के रूप में कुछ और कंपनियों की स्थापना की और ग्राहकों से पुनर्भुगतान एकत्र करने के लिए टेली कॉलर को काम पर रखा।

कमिश्नर के अनुसार, आरोपी ने 11 इंस्टेंट लोन ऐप्लिकेशन विकसित किए जो व्यक्तियों को ऋण प्रदान करते हैं और ब्याज, प्रसंस्करण शुल्क, जीएसटी, डिफॉल्ट शुल्क, और ऋण अवधि की समाप्ति के बाद एक प्रतिशत जुर्माना सहित भारी भुगतान एकत्र करते हैं। वे चलाए जा रहे कॉल सेंटरों के माध्यम से डिफॉल्टरों को परेशान करते और धमकियां देते। उन्होंने कर्जदारों के रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को फर्जी कानूनी नोटिस भेजकर कर्जदारों को ब्लैकमेल भी किया।

लोन ऐप्स में लोन ग्राम, कैश ट्रेन, कैश बस, ट्रिपल ए कैश, सुपर कैश, मिंट कैश, हैप्पी कैश, लोन कार्ड, रीपे वन, मनी बॉक्स, मंकी बॉक्स आदि हैं।

साइबर अपराध पुलिस स्टेशन ने हाल ही में एक नागरिक की शिकायत के बाद लोन ऐप्लिकेशन के खिलाफ आठ मामले दर्ज किए थे। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने 28 इंस्टेंट लोन ऐप से 1.20 लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया और हालांकि, उसने 2 लाख रुपये की ऋण राशि का भुगतान किया, लेकिन उसे अपमानजनक और धमकी भरे कॉल मिले।

इन कंपनियों द्वारा विकसित किए गए ऐप्लिकेशंस साइबरबाद, हैदराबाद और राचकोंडा पुलिस कमिश्नरेट में दर्ज 11 अलग-अलग मामलों में शामिल थे।

पुलिस ने बैंक खातों से दो करोड़ रुपये, दो लैपटॉप और चार मोबाइल फोन जब्त किए।

यह पुलिस द्वारा की गई नवीनतम कार्रवाई है। इससे पहले 22 दिसंबर को हैदराबाद और साइबराबाद पुलिस ने हैदराबाद और गुरुग्राम में मारे गए छापे में 17 लोगों को गिरफ्तार करने की घोषणा की थी।

पिछले सप्ताह ऑनलाइन लोन ऐप के कर्मचारियों द्वारा उत्पीड़न के कारण तीन लोगों द्वारा आत्महत्या करने के बाद पुलिस हरकत में आ गई। एक तकनीकी विशेषज्ञ और एक सरकारी महिला कर्मचारी उन लोगों में से थे जिन्होंने खुदकुशी कर ली थी।

हैदराबाद पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार ने कहा कि चार कंपनियों ने करोड़ों के अवैध कारोबार को चलाने के लिए लगभग 1,100 एक्जीक्यूटिव को काम पर रखा था।

कंपनियों की पहचान लियुफैंग टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, हॉटफुल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, पिनपॉइंट टेक्नोलॉजीज और नैबलूम टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के रूप में की गई थी और इन्हें बेंगलुरु में पंजीकृत किया गया था।

–आईएएनएस

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