13 बच्चों को विदेश भेजने के बारे में चला पता

कोलकाता, 12 दिसंबर : देश के विभिन्न राज्यों से नाबालिग बच्चों को कोलकाता के रास्ते विदेश में भेजने के मामले में कोलकाता पुलिस के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) की टीम ने हाल ही में गुजरात से मयूर कुमार निरंजनभाई व्यास को गिरफ्तार किया था।

उससे पूछताछ में पता चला कि वह अहमदाबाद में इससे पहले पासपोर्ट बनाने का धंधा करता था। रूपये की किल्लत होने के कारण वह बच्चों को विदेश का धंधा शुरू कर दिया। 2015 से वह इस धंधे में कूदा था।
पुलिस को पूछताछ में उसने बताया कि गुजरात से कोलकाता के रास्ते अमेरिका बच्चों को भेजने, उनके कागजात बनाने व उसे विदेश ले जानेवाले तक का कुल खर्च 30 लाख रूपये आता था। जिन बच्चों को विदेश में भेजा जाता था, उनका नकली जन्म प्रमाण पत्र हावड़ा में  बनाया जाता था।

कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि पार्क स्ट्रीट थाने में 22 नवंबर को शिकायत दर्ज कर अब तक इस मामले में अजाज चौधरी, शाजिया चौधरी, नासिर हुसैन संजय कुमार सिंह और इमरान पारेख को गिरफ्तार किया जा चूका है।

ये लोग नकली पासपोर्ट, वीजा बनाने, भेजे जाने वाले बच्चों का नकली पहचानपत्र बनाने के धंधे में जुड़े थे। अब मयूर कुमार निरंजनभाई व्यास को गुजरात से गिरफ्तार करने के बाद उससे पूछताछ कर इस गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
  • 2015 से विदेश में बच्चों की तस्करी से जुड़ा था मयूर
  • अब तक 13 बच्चों को विदेश भेजने के बारे में पता लगा चुकी है पुलिस
  • मामले में अब तक मयूर समेत गिरोह के छह सदस्य गिरफ्तार
  • हावड़ा में नकली जन्म प्रमाण पत्र बनाता था गिरोह