एनआरआई द्वारा धोखाधड़ी के मामले बढ़े; पीड़िताओं ने की कानून बनाने की मांग

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी

बेहतर भविष्य के लिए भारतीय युवतियां एनआरआई युवकों को ज्यादा प्राथमिकता देती हैं। मगर कई मामलों में वे ऐसे युवकों की धोखाधड़ी का शिकार हो रही हैं। एनआरआई से विवाह कर अपना सब कुछ खो चुकी और युवतियां न तो अपने परिवार की रही न ही ससुराल की। दरदर भटकने को मजबूर एनआरआई युवकों द्वारा तलाक और शादी के नाम पर धोखाधड़ी की शिकार पीड़ित महिलाओं ने एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से इस संबंध में कारगर कानून बनाने को लेकर जवाब मांगा है।

अधिकतर मामलों में पति शादी के कुछ ही दिनों बाद विदेश फरार हो गए और पत्नियों को उनकी गैर मौजूदगी में ससुराल वालों ने घर से बाहर निकाल दिया। अपनी आवाज को अपना हथियार बनाने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों की महिलाएं एकजुट हो रही हैं। इन महिलाओं में कुछ ऐसी भी महिलाएं शामिल हैं जिन्हें भारतीय युवकों ने प्रताड़ित किया। बेहतर भविष्य के सपने को लेकर एनआरआई युवकों से शादी करने के बाद धोखे का शिकार हुई 200 से अधिक महिलाओं की आवाज बुलंद की। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब, उत्तर-प्रदेश, दिल्ली, बरेली, लखनऊ समेत अन्य जगहों से आई इन पीड़िताओं ने एनआरआई पतियों की घटिया करतूतों की दर्दभरी कहानी बयां की।

पंजाब को सोशल एक्टिविस्ट हरप्रीत कौर ने बताया, अकेले पंजाब में एनआरआई महिलाओं से शादी करने के बाद उन्हें धोखे से छोड़कर फरार होने और धोखे से विदेशों की अदालतों से एक पक्षीय तलाक लेने से जुड़ी 27 हजार शिकायतें दर्ज हुई हैं, लेकिन इन शिकायत पर पुलिस ने अभी तक क्या कार्रवाई की, इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है। वहीं एनआरआई युवकों और उनके परिवारों द्वारा प्रताड़ित महिलाओं ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को कई बार शिकायतें दीं, लेकिन उनका कोई उत्तर नहीं मिला। लखनऊ की जुबी जैदी ने बताया कि एनआरआई युवकों द्वारा तलाक और धोखा देने के मामले में विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप से आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर 3228 व शिकायतें दर्ज हुईं, लेकिन मंत्रालय ने कितनी शिकायतों को सुलझाया, इसका कोई ब्यौरा नहीं है। पीड़िताओं ने मांग की कि दहेज के लिए मासूम लड़कियों की जिन्दगीसे खिलवाड़ करने वाले एनआरआई युवकों के खिलाफ ठोस कदम बनाया जाए, ताकि उन्हें विदेशों से भारत लाकर उन्हें सजा दी जा सके।