बोपखेल पुल के लिए 54 करोड़ मंजूर

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – रक्षा विभाग के सीएमई (कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग) द्वारा अपनी सीमा में से आवागमन के लिए मनाही किए जाने के बाद गत कई सालों से कई किलोमीटर का चक्कर काटकर पुणे और पिंपरी चिंचवड़ पहुंचने पर विवश बोपखेल वासियों की दिक्कतें जल्द दूर होने को है। यहां के लोगों के लिए मुला नदी पर ब्रिज बनाने का फैसला किया गया है। इसके लिए जरूरी रक्षा विभाग की जमीन के बदले में येरवडा में जमीन देने के अहम फैसले के पश्चात गुरुवार को पिंपरी चिंचवड़ मनपा की स्थायी समिति की सभा में पुल के निर्माण कार्य के लिए तकरीबन 54 करोड़ रुपए के खर्च को मंजूरी दी गई।

बोपखेल गांव चारों तरफ से रक्षा विभाग की सीमा से घिरा हुआ है। यहाँ के रहवासियों के आवागमन के लिए सीएमई की सीमा से दापोड़ी तक की सड़क से सार्वजनिक यातायात के लिए मनाही की गई। ओस सड़क को आवागमन के लिए खुला करने की मांग के लिए बोपखेल वासियों ने लंबी लड़ाई लड़ी। इसके लिए किया गया आंदोलन उग्र बन गया इसमें कई ग्रामीण और पुलिसवाले घायल हो गए। बाद में एक पुलिस वाले की मौत हो गई, कई ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। सीएमई- दापोड़ी सड़क से आवागमन शुरू कराने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने लगातार कोशिश की। अंततः मुला नदी पर पुल बनाकर बोपखेल वासियों के आवागमन का मसला हल करने का फैसला हुआ।

बोपखेल पुल के लिए रक्षा विभाग की जमीन अधिग्रहित करनी जरूरी थी, मनपा इसका मुआवजा देने के लिए भी तैयार थी। मगर रक्षा विभाग ने जमीन के बदले जमीन की मांग की। चंद दिन पहले ही रक्षा विभाग को येरवडा में जमीन देने का फैसला जिलाधिकारी कार्यालय में हुई बैठक में किया गया। इस बीच मनपा ने मुला नदी पर पुल बनाने की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली। आज स्थायी समिति अध्यक्ष विलास मडिगेरी की अध्यक्षता में हुई सभा में बोपखेल पुल के निर्माण के लिए 53 करोड़ 99 लाख 27 हजार रुपए के खर्च को मंजूरी दी गई। इस पुल के निर्माण कार्य के वर्क ऑर्डर सात दिन के भीतर जारी कर इसका भूमिपूजन जल्द से जल्द कराने के आदेश विधायक व भाजपा शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप ने दिये हैं। इसकी जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधि व शिक्षा मंडल के पूर्व सभापति चेतन घुले ने दी है।