पूरी दुनिया में एक चतुर्थांश जनता रहती है भूखी

पुणे । समाचार ऑनलाइन – पर्याप्त और पोषण मूल्य युक्त भोजन मिलना हर मनुष्य का अधिकार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में एक चतुर्थांश जनता भूखी रहती है। इसमें सबसे अधिक कुपोषित और आधी भूखी जनता भारत में रहती है। यह जानकारी देते हुए स्पेशल आईजी (कारागृह) डॉ विट्ठल जाधव ने भूखमुक्त समाज की निर्मिती की जरूरत बताई।

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युनायटेड नेशन्स की फूड अँड एग्रिकल्चर द्वारा हर साल 16 अक्टूबर विश्व आहार दिवस मनाया जाता है। इस उपलक्ष्य में राजबाग, लोणी कालभोर स्थित एमआईटी आर्ट, डिझाईन और टेक्नॉलॉजी विश्वविद्यालय के एमआईटी कॉलेज ऑफ फ़ूड टेक्नॉलॉजी की ओर से ‘अवर अॅक्शन इझ अवर फ्युचर’ संकल्पना पर आधारित 2030 तक भूखमुक्त दुनिया का निर्माण इस विषय पर आयोजित कार्यशाला के मुख्य अतिथि के रुप वे यहां उपस्थित थे। इस अवसर पर आयोजित शिविर में 50 से अधिक छात्रों ने रक्तदान किया।

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डॉ. विठ्ठल जाधव ने उपस्थितों से अपील की कि, 2030 तक दुनिया को भूखमुक्त करना है, तो भोजन को बर्बाद न करें, कम उपकरणों के साथ अधिक उत्पादन करें, स्वस्थ भोजन खाएं और दुनिया को भूख से मुक्त करने की कोशिश करें।उन्होंने यह भी कहा, मानवाधिकार आयोग और सरकार की ओर से देश में सभी जेलों में पर्याप्त और पोषणमुल्ययुक्त पौष्टिक भोजन प्रदान करने के लिए जेल विभाग विशेष प्रयास कर रहा है। इस मौके पर चितले बंधू मिठाईवाले ग्रुप के कार्यकारी प्रबंधक शशांक जोशी, एमआईटी कॉलेज ऑफ मिटकॉम की निदेशक प्रा. सुनीता मंगेश कराड, एमआईटी-एडीटी विश्वविद्याल के कुलगुरू डॉ. सुनील राय, एमआईटी कॉलेज ऑफ फ़ूड टेक्नॉलॉजी के प्राचार्य डॉ. वसंत पवार आदि उपस्थित थे।