आखिरकार भाजपा ने भी महाराष्ट्र में लगाया एकला चलो रे का नारा

मुंबई। पुणे समाचार ऑनलाइन

बरसों पुरानी दोस्ती तोड़कर आनेवाले सभी चुनाव अपने बूते लड़ने का ऐलान कर चुकी शिवसेना द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अपनाई गई भूमिका से सत्तादल भाजपा के खेमे भी नाराजगी की सूर नजर आ रहा है। संसद में शिवसेना के दूरी बनाए रखने के बाद अब भाजपा ने भी महाराष्ट्र में अकेले ही चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है। इसके संकेत खुद भाजपा हाईकमान अमित शाह ने बीती शाम मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं को दिये हैं। उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से साफ़ तौर पर कह दिया कि गठबंधन के बारे जब फैसला होगा तब होगा, इसका फैसला शीर्ष स्तर पर छोड़ दें, आप अकेले के डीएम पर चुनाव लड़ने कि तैयारियों में जुट जाएँ।

अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से दूरी बनाते हुए शिवसेना ने तटस्थ रहने का फैसला किया। जबकि भाजपाध्यक्ष अमित शाह ने एक दिन पहले ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को फोन किया था। उसके बाद संभावना जताई जा रही थी कि शिवसेना सरकार को समर्थन देगी। मगर हुआ बिलकुल इसके विपरीत ही. अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से दुरी बनाने के फैसले से अमित शाह नाराज बताए जा रहे हैं। उनकी नाराजगी रविवार के उनके मुंबई दौरे में भी साफ नजर आयी. शाह ने मुंबई में महाराष्ट्र के नेताओं से कहा कि, जिस तरह बीते कुछ समय से शिवसेना का व्यवहार रहा है, ख़ासकर अविश्वास प्रस्ताव में अनुपस्थिति, उसके बाद हमें महाराष्ट्र में अकेला चुनाव लड़ना पड़ सकता है। इसलिए हमें सभी 48 लोकसभा सीटों पर तैयार रहना चाहिए।

अमित शाह ने महाराष्ट्र बीजेपी नेतृत्व से कहा है कि सभी 48 सीटों पर लोकसभा प्रभारियों की नियुक्ति जल्द से जल्द की जाए. शिवसेना पहले ही घोषणा कर चुकी है कि 2019 का चुनाव वो अकेले ही चुनाव लड़ेगी। अविश्वास प्रस्ताव से ठीक पहले शिवसेना ने मोदी सरकार को समर्थन नहीं करने का फैसला किया था। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का बहिष्कार करेगी। शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी भाजपा पर निशाना साधते हुए लिखा गया था कि इस समय देश में तानाशाही चल रही है। इसका समर्थन करने की जगह वो जनता के साथ जाना चाहेगी। यही नहीं शिवसेना ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के भाषण की काफी तारीफ़ भी की। अविश्वास प्रस्ताव पर भाजपा की जीत को फ़्रांस और राहुल की हार को क्रोएशिया की हार बताई थी।

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