महाराष्ट्र में प्लास्टिक उद्योग को उबारने के लिए बनेगा अलग क्लस्टर

मुंबई । पुणे समाचार ऑनलाइन

महाराष्ट्र को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए राज्य सरकार ने 23 जून से पूरे राज्य में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू कर दिया। इसके चलते खतरे में आए राज्य के प्लास्टिक उद्योग को उबारने के लिए सरकार ने इस उद्योग के लिए अलग क्लस्टर बनाने का वादा किया है। राज्य में प्लास्टिक बंदी की वजह से प्लास्टिक उद्योग के साथ कई उद्योगों को नुकसान हो रहा है। ऐसे में सरकार इस उद्योग को निर्यात बाजार का रुख करने का उपाय बता रही है। इसके लिए अलग से क्लस्टर निर्माण करने का वादा किया जा रहा है।

प्लास्टिक निर्यात संवर्धन परिषद के एक कार्यक्रम में राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने विघटित होने वाले प्लास्टिक निर्माण के लिए शोध करने में सहयोग का भरोसा दिया है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक की बढ़ती मांग को देखते हुए इसके निर्यात के कई अवसर उपलब्ध हैं। राज्य में इस उद्योग के लिए अलग से क्लस्टर निर्माण करके समस्याएं दूर करने का प्रयास किया जाएगा। वाणिज्य विभाग के सह सचिव श्यामल मिश्रा ने प्लास्टिक निर्यात के अवसर से संबंधित जानकारी दी और कहा कि इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

प्लास्टिक के पूर्ण पाबंदी के भ्रम को दूर करते हुए प्लास्टिक उद्योग के कारोबारियों को बताया गया कि महाराष्ट्र में लागू की गई प्लास्टिक बंदी से दवाइयों की पैकेजिंग, कृषि-बागवानी आदि में कुछ छूट दी गई है। इसके अलावा खाद्य पदार्थों जैसे दूध को पैक करने वाले प्लास्टिक को भी प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। खुदरा दुकानों और होटलों में भी कुछ शर्तों के साथ पैकेजिंग में ढील दी गई है। हांलाकि इस बंदी से प्लास्टिक उद्योग के लिए जो संकट निर्माण हुआ है, उससे उबारने के लिए सरकार हर यथासंभव कोशिश करेगी।

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