आखिर सभागृह नेता व कांग्रेस गुटनेता का विवाद सुलझा

पुणे। पुणे समाचार ऑनलाइन

एक-दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप करने से सभागृह से पुलिस थाने तक पहुंचा सभागृह नेता श्रीनाथ भिमाले औऱ कांग्रेस गुटनेता अरविंद शिंदे के बीच का विवाद आखिर सुलझा लिया गया। महापौर मुक्ता तिलक द्वारा उनके बीच कराई सुलह सफल रही।

बीते माह की 21 तारीख को सर्व साधारण सभा मे दोनों नेताओं के बीच विवाद छिड़ा, जिसमें भिमाले ने शिंदे के लिए अनुचित शब्दों का प्रयोग किया। इसपर शिंदे ने दूसरे दिन भिमाले के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और 25 करोड़ रुपये के मानहानि का मुकदमा दायर किया। जवाब में भिमाले ने भी 101 करोड़ के मानहानि का मुकदमा दायर किया।

पुलिस और अदालत तक पहुंचा दोनों नेताओं के बीच का विवाद शहर की सियासत में चर्चा का विषय रहा। इससे मनपा की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है, कई वरिष्ठ नगरसेवको ने भी नाराजगी जताई। अब जबकि दोनों नेताओं के बीच का विवाद सुलझ गया है तब सभी ने राहत महसूस की है।

आज सर्व साधारण सभा के आरंभ में ही महापौर ने सभागृह की गरिमा बनाये रखने की अपील की। इसपर अरविंद शिंदे ने गलती की माफी मांगने में ज्यादा धैर्य की जरूरत बताई। वहीं भिमाले ने भी सभा के कामकाज से अपना बयान हटाने को कहा। इसी से दोनों नेताओं के बीच का विवाद, जिसकी ओर पूरे शहर का ध्यान लगा था, समाप्त होने की बात स्पष्ट हुई। इसमें महापौर मुक्ता तिलक ने अहम भूमिका निभाई।

मनपा मुख्यालय की विस्तारित इमारत के उदघाटन से पहले राजनीतिक कड़वाहट कम होने के लिहाज से महापौर ने दो दिन पहले वरिष्ठ नेता व पदाधिकारियों के साथ भिमाले और शिंदे की बैठक कराई। इसमें दोनों नेताओं के बीच कड़वाहट कम हो और दोनों का सम्मान कायम रहे, इसके लिये स्थायी समिति अध्यक्ष मुरलीधर मोहोल को जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसे उन्होंने भी बाखूबी निभाया।