बन्द के दौरान इलाज न मिलने से नवजात की मौत

नई दिल्ली : एट्रोसिटी कानून के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए फैसले का देशभर में दलित संगठनों द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है। सोमवार को इसी कड़ी में भारत बंद का ऐलान किया गया था, जिसे देश के कई हिस्सों में हिंसात्मक मोड़ मिला। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा उत्तर प्रदेश और बिहार को भुगतना पड़ा है। वहीं राजधानी दिल्ली में हिंसक भीड़ के प्रदर्शन के दौरान इलाज के अभाव में एक नवजात की जान चली गई।

पैदा होने के बाद इस शिशु की हालत नाजुक रहने से उसे हाजीपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बन्द के दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़को पर टायर्स आदि जलाकर रास्ता रोके रखा गया था। इस नवजात शिशु को लेकर जा रही एम्बुलेंस को भी रोका गया। बच्चे की मां उनसे विनती करती रही मगर प्रदर्शनकारियों का दिल नहीं पसीजा। उल्टे लाठी , डंडे आदि से एम्बुलेंस पर हमला बोल दिया। उनके अट्टहास के चलते एम्बुलेंस वहीं फंसी पड़ी रही और इलाज न मिलने से बच्चे की मौत हो गई।

इस घटना की फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, जिसमें अपना बच्चा खो देने के गम में डूबी मां और निष्ठुर प्रदर्शनकारी झलक रहे हैं। बहरहाल भारत बंद के दौरान हुई हिंसा में 9 लोगों की मौत हुई है। मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब के बाद महाराष्ट्र के भी कुछ हिस्सों में बंद को हिंसक मोड़ मिला। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने स्पष्ट किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से सरकार सहमत नहीं है। सरकार की ओर से पुनर्विचार याचिका दायर की गई है।