Amol Kolhe | शिवाजी महाराज के बारे में राजनाथ सिंह के ‘उस’ बयान का अमोल कोल्हे ने किया विरोध; कहा…

पुणे (Pune News) : Amol Kolhe | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने शुक्रवार को दावा किया था कि राजमाता जीजाऊ, समर्थ रामदास और दादोजी कोंडदेव ने खेल के माध्यम से बाल शिवाजी को गुर सिखाया था और बाद में वह छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के रूप में एक राष्ट्रीय नायक बन गए। अब उनके दावे पर राष्ट्रवादी सांसद डॉ. अमोल कोल्हे (Amol Kolhe) ने आपत्ति जताई और कहा कि बयान चौंकाने वाला है।

 

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में दिए गए बयान का सांसद डॉ. अमोल कोल्हे (Dr. Amol Kolhe) ने विरोध किया है। “छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्रनायक बने वो रैयतों के लिए बनाए गए कल्याणकारी राज्य और उस स्वराज की नैतिक अनुष्ठान की वजह से। ऐतिहासिक दस्तावेजों पर नजर डालें तो दादोजी कोंडदेव प्रारंभिक स्वराज्य के गठन से नाखुश थे। आदिलशाही के दरबार में शाहजी महाराज को इससे कोई परेशानी न हो ऐसी स्वामिनिष्ठा उनके पीछे थी। वहीं कुछ ऐतिहासिक दस्तावेज बताते हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) और समर्थ रामदास स्वामी (Samarth Ramdas Swami) के बीच पहली मुलाकात 1671 के आसपास हुई थी। उस समय, स्वराज्य पूर्णत्व में आ गया था, ” ऐसा कोल्हे ने कहा।

 

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गलत सूचना के आधार पर बयान दिया है, ऐसा हो सकता है। साथ ही, हमारे गौरवशाली इतिहास को निष्पक्ष, तर्कसंगत रूप से देश विदेश में बताने की जरूरत है, यह मत उन्होंने व्यक्त किया।

 

“दो दिन पहले, एक हिंदी निर्देशक ने कहा कि मुगल शासक (Mughal ruler) राष्ट्र निर्माता हैं। इसलिए इस इतिहास को और अधिक तीव्रता से बताने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। केवल  विरोध या आंदोलन क्षणिक हो सकता है। मुझे लगता है कि यह एक वैचारिक लड़ाई है और इसे उसी के माध्यम से लड़ा जाना चाहिए। साहित्य और कला का समाज पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है, जिसके माध्यम से हमें एक निष्पक्ष, तर्कसंगत इतिहास को दुनिया में फैलाना चाहिए, ” ऐसा अमोल कोल्हे (Amol Kolhe) ने कहा।

 

 

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