15 अगस्त से लागू हो सकती है मोदी सरकार की एक और महत्वाकांक्षी योजना

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी
सालभर बाद आनेवाले चुनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार अपनी एक और महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने की तैयारी में है। देश के गरीब तबकों के लिए केंद्रीय बजट में घोषित की गई सालाना 5 लाख रुपए तक फ्री इलाज की सुविधा को सरकार 15 अगस्त से अमल में ला सकती है। इसकी घोषणा भले ही बजट में कर दी गई है, मगर इसका नाम नए नियमों का खुलासा अब हुआ है। समाचार एजेंसी की मानें तो मोदी सरकार देश में 15 अगस्त से आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) योजना को लागू कर सकती है।
सरकार ने आयुष्मान भारत योजना लागू होने के बाद उसके तहत किए गए दावों (क्लेम) का अस्पतालों को वक्त पर भुगतान नहीं करने वाली बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाने का प्रस्ताव दिया है। अगर कोई बीमा कंपनी भुगतान में 15 दिन से ज्यादा की देरी करती है तो उसे दावा राशि पर तब तक हर हफ्ते एक फीसदी ब्याज देना होगा जब तक पूरी राशि चुका नहीं दी जाती। बीमा कंपनियों को ब्याज की राशि सीधे अस्पतालों को देनी होगी। इस योजना के लाभार्थियों को एक दस्तावेज मिलेगा। इसमें कवर की जाने वाली बीमारियों और उस पर भुगतान राशि की सीमा की जानकारी होगी।
इसके अलावा कुछ बीमारियों के इलाज के खर्च के लिए पहले से मंजूरी लेनी होगी। इन नियमों की जानकारी शनिवार को सार्वजनिक हुई। समाचार एजेंसी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को देशभर में योजना लागू करने की घोषणा कर सकते हैं। 20 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एमओयू कर चुके हैं। दिल्ली, ओडिशा, पंजाब और पश्चिम बंगाल ने रुख साफ नहीं किया है। केंद्र सरकार की इन चारों राज्यों से बातचीत चल रही है। राज्य सरकारें बीमा कंपनियों, ट्रस्ट या सोसाइटी के जरिए इस योजना को लागू कर सकेंगी।
गौरतलब हो कि, मोदी सरकार ने अपने बजट में आयुष्मान भारत योजना का ऐलान किया था। इसके तहत देश के 10 करोड़ लोगों का फायदा मिलेगा। हालांकि, तब योजना का नाम तय नहीं किया गया था। योजना के लाभार्थी परिवार 5 लाख रुपए तक सालाना फ्री इलाज करवा सकेंगे। सरकार ने 10 करोड़ परिवारों को इसके तहत कवर करने का लक्ष्य रखा है। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों के 8.03 करोड़ और शहरी इलाकों के 2.33 करोड़ परिवार शामिल होंगे। गरीब परिवारों के चयन का आधार सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 को बनाया गया है। शुरुआती दो साल के लिए 10 हजार कराेड़ रुपए का बजट रखा गया है।