अमेरिका में एक और सुनामी की आहट,  दरक रहा अलास्का का बैरी आर्म ग्लेशियर, 25 से 40 मीटर ऊंची लहरें उठेंगी समुद्र में  

वॉशिंगटन. ऑनलाइन टीम : अमेरिका एक साथ कई परेशानियों को झेल रहा है। देश के अंदरुनी भागों में जहां चुनावी घमासान का अभी अंत नहीं हो पाया है, वहीं नस्लीय आग कभी भी भड़क उठती है। प्राकृतिक आपदाएं भी पीछा नहीं छोड़ रही हैं। चक्रवात-दर-चक्रवात के बाद अब एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है।

ग्लेशियर को लेकर स्टडी कर रहे वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि अलास्का में मौजूद बैरी आर्म ग्लेशियर  कभी भी गिर सकता है। खास बात है कि ग्लेशियर टूटकर सीधा समुद्र में गिरेगा और यह घटना एक बड़ी सुनामी  का कारण बन सकती है। इसमें धीरे-धीरे लैंडस्लाइड  हो रहा है।  कारण बर्फ का वजन भी हो सकता है। यह ग्लेशियर 2010 से 2017 के बीच 120 मीटर खिसक चुका है।

बैरी आर्म ग्लेशियर एक संकरे समुद्री रास्ते के ऊपर बना है। इसके दोनों तरफ ऊंचे बर्फ से लदे पहाड़ हैं। इसलिए यह स्थान सुनामी पैदा करने के लिए उपयुक्त बन जाती है। यहां पर अगर बर्फ, ग्लेशियर या पहाड़ से लैंडस्लाइड हुई तो पानी का बहाव एक ही तरफ तेजी से होगा जो सुनामी का रूप ले लेगा    अलास्का के बैरी आर्म ग्लेशियर को देखने पर्यटक भी जाते रहते हैं। साथ ही वहां मछली पकड़ने वाले भी रहते हैं। अगर यह ग्लेशियर अचानक से टूटा तो बड़ा हादसा हो सकता है। इस ग्लेशियर के आसपास स्थानीय चुगैक समुदाय के लोग रहते हैं। इनके पूरे समुदाय को नुकसान पहुंच सकता है।

वैज्ञानिकों ने स्टडी करके निष्कर्ष निकाला है कि अगर बैरी आर्म ग्लेशियर में लैंडस्लाइड होता है तो समुद्र में इसकी बड़ी चट्टान गिरेगी। इसके गिरने से हर सेकेंड 25 से 40 मीटर ऊंची लहर उठेगी। इस आकार और तीव्रता की लहर किसी भी बड़े क्रूज शिप, कार्गो जहाज, मछली पकड़ने वाले जहाज, कयाकर्स और आसपास के इलाके में तबाही मचाने के लिए पर्याप्त है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि आम तौर पर ग्लेशियर वाले पहाड़ों की ढलान पर लैंडस्लाइड तब होता है ढलानों पर जमी बर्फ पिघलकर गिरने लगती है, लेकिन ज्यादा बड़ी मात्रा में बर्फ गिरी तो सुनामी आ सकती है। ऐसी ही एक सुनामी साल 2017 में पश्चिमी ग्रीनलैंड में आई थी, जिसकी वजह से 4 लोगों की मौत हो गई थी। लाखों टन धूल, कीचड़ आसपास के इलाकों में फैल गया था।