सेना ने सिर्फ 50 दिनों में खरीदे 8500 करोड़ के हथियार; सेना को अपग्रेड करने की राह पर सरकार

अब 114 मल्टीरोल लड़ाकू विमानों का जखीरा खरीदने की प्लानिंग

समाचार ऑनलाइन- हमारे देश की सैन्य-शक्ति के जाबांजी के कारनामे किसी से छिपे नहीं हैं. आज हर कदम पर हमारी सेना कड़ी-से-कड़ी परिस्थितियों से मुकाबला करने के लिए तैयार रहती है. कुछ समय पहले पाकिस्तान पर की गई कार्रवाई इसका सबूत है. हालांकि दुश्मनों से लड़ने के लिए हमारे सैनिकों को आत्मविश्वास के साथ अत्याधुनिक हथियारों की भी बेहद आवश्यकता होती है. आज के अत्याधुनिक हथियार इनकी ताकत और आत्मविश्वास दोनों को बढाते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार सेना को अपग्रेड करने की राह पर निकल चुकी है. पिछले कुछ समय में मोदी सरकार ने कई रक्षा सौदों को अमल में लाया है और कइयों पर अभी कोशिशें जारी हैं.

बता दें कि कुछ दिनों पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के अधिकारियों के साथ, सेना को अपग्रेड करने के मकसद से एक समीक्षा बैठक की थी. साथ ही इस दिशा में तेजी से कदम उठाने के लिए भी कहा था. बताया जाता है कि बालाकोट एयरस्ट्राइक तथा पुलवामा आतंकी हमले के बाद सेना को कई अत्याधुनिक हथियारों की जरूरत महसूस हुई, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है.

सेना ने 50 दिनों में खरीदे 8 हजार करोड़ के हथियार
आप को जानकर ख़ुशी होगी कि के सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरुआती 50 दिनों में सेना ने 8500 करोड़ रुपये के कई हथियार खरीदे हैं. इन अहम रक्षा सौदों में स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, आर -73 और आर -77एअर टू एअर मिसाइलें, स्पाइस 2000 एयर टू ग्राउंड स्टैंडऑफ हथियारों के साथ एक्सेलिबुर गाइडेड गोला-बारूद आदि शामिल है.


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मल्टीरोल लड़ाकू विमानों का जखीरा खरीदने की प्लानिंग
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मिग-21  बेहद पुराने हो गए हैं तथा मिग-21 कई बार दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है, जिनके बदले अब 114 मल्टीरोल लड़ाकू विमानों को खरीदने की योजना है. बताया जा रहा है कि यह लगभग 15बिलियन डॉलर का रक्षा सौदा है, जिसके लिए अमेरिका की बोइंग और लॉकहीड मार्टिन, स्वीडन के साब, फ्रांस की दसॉल्ट सहित कई वैश्विक रक्षा कंपनियां ने दावेदारी की है.