सेना समर्पण का प्रतीक है इसका सिर ऊंचा रखिएगा: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

पुणे समाचार आॅनलाइन
नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) ‘सेवा परमो धर्म’ में विश्वास रखती है, कैडेट्स को यह कभी नहीं भूलना चाहिए, उन्हें मानवता की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। देश के युवाओं के लिए एनडीए कैडेट्स आदर्श हैं। यह बातें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को एनडीए के 134वें दीक्षांत समारोह के दौरान कहीं। इस मौके पर एनडीए के कमांडेंट एयर मार्शल आईपी बिपीन, डिप्टी कमांडेंट एस के ग्रेवाल, प्रबोधिनी के प्राचार्य ओमप्रकाश शुक्ला, विभागीय आयुक्त डॉ. दीपक म्हैसकर, जिलाधिकारी नवल किशोक राम सहित वर्तमान एवं पूर्व सैन्य अधिकारी, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और कैडेट्स के अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। राष्ट्रपति ने आगे कहा, “चुनौती भरी ट्रेनिंग हमें हर कठिन संघर्ष के लिए सक्षम बनाती है। सशस्त्र सेना समर्पण का प्रतीक है। जब आप प्रत्यक्ष रूप से फील्ड पर काम शुरू करेंगे, तो एनडीए से प्राप्त ट्रेनिंग को भूलियेगा नहीं। देश की सेना का सिर ऊँचा करने के लिए हमेशा तैयार रहें।”

आपके लिए गर्व की बात
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि देश को अच्छे अधिकारी देने वाली एनडीए जैसी संस्था से डिग्री प्राप्त करना स्नातकों के लिए गर्व की बात है। वर्दीधारी सैनिक देश का अभिमान होता है। देश की सीमा की सुरक्षा के साथ ही आपात स्थिति में सैनिकों की भूमिका सराहनीय होती है। सैनिकों को सिर्फ दुश्मनों नहीं बल्कि प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ता है।

आसमान में दिखाए करतब
दीक्षांत समारोह में एकेडमी कैडेट अक्षत राज को सभी शाखाओं में प्रथम आने पर राष्ट्रपति ने स्वर्ण पद से नवाजा, कैडेट सोहेल इस्लाम को सभी शाखाओं में दूसरा क्रमांक लाने पर रजत पदक और अली अहमद चौधरी को तीसरे स्थान के लिए कांस्य पदक से सम्मानित किया गया। इस दौरान चेतक हेलीकाप्टर द्वारा ध्वज सलामी दी गई। साथ ही सुखोई विमान की टुकड़ी ने आसमान में अपने करतब दिखाए।