नक्सलवादी से संबंध रखने के शक पर अरुण परेरा गिरफ्तार

पुणे | समाचार ऑनलाइन – नक्सलवादियों से संबंध होने का आरोप के चलते वर्नोन गोन्सालवीस, सुधा भारद्वाज और अरुण फरेरा की जमानत खारिज करने के बाद पुणे पुलिस ने फिर से गिरफ्तार किया है। तीनों को आज कोर्ट में पेश करने की जानकारी जांच अधिकारी सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी पवार ने दी।

विशेष कोर्ट न्यायाधीश के.डी. वढणे ने उनकी जमानत खारिज की थी। जमानत खारिज मामले में आरोपी के वकील सिद्धार्थ पाटिल और एड. राहुल देशमुख ने इस सुनवायी के विरोध में मुंबई हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। साथ ही आरोपियों को नजरकैद एक हफ्ते के लिए बढ़ाई जाए, ऐसा आवेदन देने के जानकारी उन्होंने दी थी। लेकिन हाईकोर्ट में जाने से पहले तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।


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पाबंदी लगाए गए माओवादी संगठन से इन कार्यकर्ताओं के संबंध होने की बात अगस्त में सामने आयी थी, जिमें पुणे पुलिस ने कवि वरावरा राव (हैदराबाद), इकॉनॉमिक एण्ड पॉलिटिकल वकील के संपादकीय सलाहकर गौतम नवलाखा (दिल्ली), मानव अधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज (फरीदाबाद) व वर्नोन गोन्साल्विस (मुंबई), अरुण फरेरा (ठाणे) को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन सुधा भारद्वाज और गौतम नवलाखा की ट्रान्जिट रिमांड को हाईकोर्ट ने तुरंत स्थगित करने से नजरकैद में रखा गया था। वरवरा राव, अरुण फरेरा और वर्नोन गोन्साल्विस को कोर्ट में पेश किया गया था। लेकिन उनको भी पुलिस कस्टडी न देते हुए नजरकैद में रखा गया था।

कुछ दिनों बाद गौतम नवलाखा को नजरकैद से भी रिहा कर दिया गया था। बाकी आरोपियों को अबतक नजरकैद में रखा गया था। इस दौरान शोमा सेन, एड. सुरेंद्र गडलिंग, भारद्वाज, गोन्सालवीस और फरेरा ने जमानत के लिए आवेदन किया था। जिस पर सुनवायी के दौरान भारद्वाज, गोन्सालविस और फरेरा की जमानत खारिज की है। पहले गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए बढ़ाई गई अवधि गैरकानूनी होने का आरोप एड. गडलिंग करते हुए चुनौती दी  थी। युएपीए कानून के अंतर्गत चार्जशीट की अवधि बढ़ाने के लिए सरकारी वकील को रिपोर्ट पेश करना आवश्यक होता है। साथ ही आरोपपत्र दाखिल करने के लिए अवधि बढ़ाना है क्या, इसका स्पष्टीकरण देना पड़ता है। लेकिन इस मामले में सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी पवार ने रिपोर्ट पेश किया है और सरकारी वकील ने सिर्फ सील मारा है। लेकिन अवधि बढ़ाने की वजह नहीं दी। ऐसा आरोपी गडलिंग ने याचिका में दायर किया है। जिसके अनुसार 1 नवंबर तक स्थगित दी गई है। इसलिए एड. गडलिंग और सेन की जमानत पर 1 नवंबर के बाद सुनवायी होगी।