अयोध्या विवाद: मंदिर या मस्जिद? अब जनवरी तक करना होगा इंतजार

नई दिल्ली | समाचार ऑनलाइन – अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई फिर टल गई है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को कहा कि जनवरी में उपयुक्त पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। उन्होंने इस मामले पर तुरंत सुनवाई की पक्षकारों की मांग को खारिज कर दिया। जनवरी में ही यह तय होगा कि कौन सी बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी और इसकी अगली तारीख क्या होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद की विवादित भूमि को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया था। 2010 के बहुमत वाले फैसले में हाइकोर्ट ने केस के तीनों पक्षों- रामलला, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड में 2.77 एकड़ जमीन को बराबर बांटने का आदेश दिया था। इसी याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हिंदू महासभा तथा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने याचिका दायर की थी। 


राजनेताओं ने क्या कहा –

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें यह देखने के लिए दिसम्बर में समीक्षा करनी चाहिए कि राम मंदिर मामले का जल्द हल निकाला जा रहा है या नहीं, या फिर कांग्रेस के वकील इसे मुद्दे को लटकाने के लिए कुछ अन्य विषयों को उठाएंगे। यदि इसमें देरी होती है, तो हमें कुछ करना होगा’।

इस वजह से कर्नाटक में हो रहा है सनी लियोन का विरोध

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने राम मंदिर के निर्माण को रोका है। हिंदुओं का सब्र अब टूट रहा है, अब मुझे भय है कि क्या होगा। अयोध्या में राम मंदिर ही बनेगा। यदि नेहरू चाहते, तो मंदिर पहले ही बन गया होता। वहीं, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि हर राम भक्त इस उम्मीद में हैं कि सुनवाई जल्द पूरी हो और जल्द फैसला आए।