कोलकाता (Kolkata News) – पश्चिम बंगाल (West Bengal) के आसनसोल से सांसद और नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) में मंत्री रहे बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) का दामन थाम लिया है। टीएमसी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके यह जानकारी दी गई है। तृणमूल कांग्रेस की नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद अर्पिता घोष (Arpita Ghosh) ने हाल ही में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। टीएमसी उनके इस्तीफे के बाद बड़ा दांव खेल सकती है। टीएमसी अर्पिता के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) को राज्यसभा (Rajya Sabha) भेज सकती है।
Today, in the presence of National General Secretary @abhishekaitc and RS MP @derekobrienmp, former Union Minister and sitting MP @SuPriyoBabul joined the Trinamool family.
We take this opportunity to extend a very warm welcome to him! pic.twitter.com/6OEeEz5OGj
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) September 18, 2021
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की सरकार में मंत्री रहे बीजेपी (BJP) के सांसद बाबुल ने कहा था कि वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। लेकिन, अब वह बीजेपी को झटका देते हुए ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद बाबुल सुप्रियो आज राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) और राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन ( Derek O’Brien) की मौजूदगी तृणमूल परिवार में शामिल हो गए।’
सुप्रियो ने दो महीने पहले राजनीति से इस्तीफे की घोषणा की थी। उन्होंने फेसबुक पर इसकी घोषणा की। उन्होंने सांसद पद से भी इस्तीफा दे दिया था। सुप्रियो को मोदी सरकार के विस्तार में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसलिए वे परेशान थे। यह अफवाह थी कि उन्होंने नाराजगी से इस्तीफा दे दिया था।
बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) ने फेसबुक पर राजनीतिक संन्यास पर टिप्पणी की थी। उस दौरान उन्होंने अपनी भावनाएं भी जाहिर की थीं। उन्होंने कहा था कि सामाजिक कार्य करने के लिए किसी राजनीतिक दल में होने की जरूरत नहीं है। अलविदा… मैं किसी राजनीतिक दल में नहीं जाऊंगा। टीएमसी, कांग्रेस, सीपीआईएम में से किसी ने भी मुझे फोन नहीं किया। मैं कहीं नहीं जा रहा। सुप्रियो ने कहा था कि सामाजिक कार्य करने के लिए किसी राजनीतिक दल की जरूरत नहीं है। हालांकि अब जब वह सीधे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं तो राजनीतिक गलियारों (political corridors) में चर्चा तेज हो गई है।
बाबुल सुप्रियो पिछले कुछ दिनों से भाजपा में ज्यादा सक्रिय नहीं हैं। ऐसे में उनके बारे में कई तरह के सवाल किए जा रहे थे। कहा जा रहा था कि वे कोई बड़ा फैसला लेंगे। उन्होंने अपने बारे में उठाए गए तमाम सवालों के जवाब फेसबुक पोस्ट से दिए थे। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा था कि पार्टी के साथ हमारे कुछ मतभेद थे। ये बातें चुनाव से पहले सबके सामने आई थीं। मैं भी हार की जिम्मेदारी ले रहा हूं। लेकिन, इसके लिए दूसरे नेता भी जिम्मेदार है।