नगरसेवकों के आरोपों से मनपा आयुक्त हुए बेजार; भर आया गला

सभागृह में गूंजा मनपा महिला कर्मचारियों की असुरक्षितता का मुद्दा

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

एक उच्च पदस्थ अधिकारी के खिलाफ शोषण का आरोप लगने के बाद पिंपरी चिंचवड़ मनपा मुख्यालय में महिला कर्मचारियों की सुरक्षितता का मुद्दा शुक्रवार को सर्व साधारण सभा में गूंजा। इस मामले में स्पष्टीकरण दिए बिना सभागृह का कामकाज चलने नहीं देने भूमिका महिला नगरसेवकों ने अपनाई। मनपा के 25 सालों के इतिहास में इस तरह की चर्चा सभागृह में पहली बार हो रही है, इसकी चिंता जताने के साथ प्रशासन और मनपा आयुक्त को भी कड़ी फटकार लगाई।

लगभग सभी के निशाना मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर बने रहे। सदस्यों के आरोप से आयुक्त बेजार हो गए। स्पष्टीकरण देते वक्त उनका गला भर आया। मुझ तक शिकायत आने पर किसी को न बख्शने और महिला कर्मियो को सुरक्षित व भयमुक्त माहौल देने का भरोसा दिलाया। सभा का कामकाज शुरू होने के साथ मनसे के नगरसेवक सचिन चिखले ने मनपा में महिलाओं की सुरक्षितता का मुद्दा उठाया। विपक्ष के नेता दत्ता साने ने मीडिया में प्रसारित खबरों के आधार पर आरोप लगाया कि, एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने अपने अधीन कार्यरत एक महिला कर्मचारी से उसके सर्विस बुक में अनुकूल रिमार्क देने के लिए शारीरिक संबंध बनाने की मांग की थी।

इस बारे में जब पीड़ित महिला वरिष्ठ अधिकारियों के पास शिकायत करने पहुंची तब उसे समझा बुझा कर मामले को रफा दफा कर दिया गया। इस महिला ने पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई मगर वहां भी उस अधिकारी ने दबाव बनाया और एफआईआर की कॉपी तक बाहर नहीं आने दी गई। इससे पहले एक कार्यकारी अभियंता ने भी अपनी सहयोगी महिला कर्मचारी के साथ अश्लीलता भरा बर्ताव किये जाने का मामला सामने आया था। संबंधित अधिकारी की विभागीय जांच की गई, मगर उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए साने ने चेतावनी दी कि अगर आयुक्त कार्रवाई नहीं करते हैं तो हम अपने तरीके से कार्रवाई करेंगे।

इससे पहले वरिष्ठ नगरसेविका सीमा सावले, मंगला कदम, भाऊसाहब भोईर ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इस तरह की घटना मनपा में कभी नहीं सामने आई। इससे मनपा के साथ पूरे पिंपरी चिंचवड़ शहर की मानहानि हुई है। इन शब्दों में वरिष्ठ नगरसेवको ने प्रशासन को आड़े हाथ लिया। शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे ने ऐसे अधिकारियों का जुलूस निकालने की चेतावनी दी। प्रियंका बारने, झामाबाई बारने, आशा शेंडगे, तुषार कामठे आदि ने महिलाओं के वर्चस्व वाले सभागृह में महिलाओं की सुरक्षितता के सवाल पर चर्चा की नौबत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस तरह की शिकायतें मनपा आयुक्त के पास पहुंचने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं किये जाने को लेकर नाराजगी जताई।

सभागृह नेता एकनाथ पवार ने मनपा में इस तरह की घटना को निन्दाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बताकर महापौर और मनपा आयुक्त से कड़ी कार्रवाई की मांग की। मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी एक परिवार के प्रमुख के नाते मेरी है। ऐसे मामलों में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। जब मई माह में यह मुद्दा सामने आया था मगर इसके बारे में मुझ तक या कर्मचारी महासंघ तक कोई शिकायत नहीं आयी। आयी होती तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाती। विशाखा समिति ऐसे मामलों में जांच की जाती है। मुझ पर ऐसे मामले दबाने के आरोप लगाये गए, यह पूरी तरह से गलत है। प्रशासन पर विश्वास रखने की जरूरत है। बिना किसी भय, दबाव के मुझ तक शिकायत पहुँचाने की अपील की।