दिल्ली में छठ पूजा के सार्वजनिक आयोजन पर रोक, छिड़ी जुबानी जंग

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा के आयोजन पर रोक लगा दी गई है। कोरोना महामारी के कारण राज्य सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा की अनुमति नहीं दी है और दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इस फैसले को सही बताया है।

दरअसल, दिल्ली में पूर्वांचलियों की संख्या अच्छी-खासी है। इस कारण वो चुनावों में प्रभावी भूमिका निभाते हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार जहां छठ पूजा पर पाबंदी को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है तो बीजेपी इस फैसले को पूर्वांचलियों के खिलाफ बताने में जुटी है। इस बीच हाई कोर्ट का फैसला केजरीवाल सरकार के लिए वाकई किसी राहत से कम नहीं है। अदालत ने कहा- जिंदा रहोगे, तभी तो कोई त्योहार मना पाओगे। लगता है याचिकाकर्ता को दिल्ली के हालात की जानकारी नहीं है। ऐसे हालातों में भीड़ इकट़्ठा होने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

नीति आयोग ने भी कहा है कि दिल्ली में ‘अभूतपूर्व हालात’ पैदा हो गए हैं जो आगामी सप्ताह में और बिगड़ सकते हैं। आने वाले हफ्तों में हालात और खराब होने की आशंका में कई राज्यों से पैरामिलिट्री डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को दिल्ली भेजा जा रहा है।
इस बीच,  बीजेपी और आप में जमकर जुबानी जंग जोरों पर है। बीजेपी पूर्वांचल मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को सीएम आवास पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में दिल्ली बीजेपी के महामंत्री दिनेश प्रताप सिंह, पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष कौशल मिश्रा व अन्य कई लोग मौजूद रहे।  दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि जब दिल्ली में मुख्यमंत्री साप्ताहिक बाजारों, मॉल, शराब के ठेकों और ई-रिक्शा को चलाने की अनुमति दे सकते हैं, तो छठ पूजा के आयोजन के लिए अनुमति क्यों नहीं दिया जा सकता।  छठ पूजा पर रोक लगा कर मुख्यमंत्री ने लाखों पूर्वांचलियों के साथ भेदभाव किया है और उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है।

दिल्ली बीजेपी के पूर्व चीफ और सांसद ने मनोज तिवारी  ने सीएम अरविंद केजरीवाल को अपशब्द तक बोल दिए है। तिवारी ने ट्वीट कर कहा, ‘कमाल के नमकहराम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं। कोविड के सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन कर आप छठ नहीं करने देंगे और गाइडलाइंस सेंटर से मांगने का झूठा ड्रामा अपने लोगों से करवाते हैं। तो बताएं, ये 24 घंटे शराब परसोने के लिए परमिशन कौन से गाइडलाइंस को फ़ॉलो कर ली थी, बोलो CM।’