आज से ‘आधार’ नहीं ‘आधार वर्चुअल आईडी

नई दिल्ली: आधार में छिपी लोगों की जानकारी को सुरक्षित करने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है। यूआईडीएआई ने वर्चुअल आईडी की शुरुआत करने का फैसला लिया है। यानी अब कई सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए आधार नंबर नहीं देना होगा। गौरतलब है कि हाल ही में आधार डेटा लीक की ख़बरें सामने ई थीं, जिसके बाद आधार में दर्ज लोगों की जानकारी की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए गए थे। इसी के मद्देनजर सरकार आधार वर्चुअल आईडी के इस्तेमाल पर जोर दे रही है।

क्या है वर्चुअल आईडी?
आधार वर्चुअल आईडी को हम एक तरह का टेंपररी नंबर या आधार का क्लोन कह सकते हैं। यूआईडी यूजर्स को हर आधार का एक वर्चुअल आईडी तैयार करने का मौका देगा। इसके बाद यदि आपको किसी काम के सिलसिले में आधार की डिटेल देनी है तो आप 12 अंकों के आधार नंबर की जगह 16 अंकों का वर्चुअल आईडी दे सकते हैं। वर्चुअल आईडी जनरेट करने की सुविधा 1 जुलाई से अनिवार्य हो जाएगी। पहले पहले एक जून से वर्चुअल आईडी की शुरुआत करने का फैसला किया था, लेकिन फिर इसे एक जुलाई कर दिया गया।

कैसे जेनरेट होगा आईडी?
आधार वर्चुअल आईडी को यूआईडी के पोर्टल से जेनरेट किया जा सकता है। चूंकि यह एक डिजिटल आईडी होगा, आधार यूजर इसे कई बार जनरेट कर सकता है। मौजूदा समय में वर्चुअल आईडी केवल एक दिन के लिए ही मान्य होता है। यानी अगले दिन यदि आपको फिर आईडी की ज़रूरत है, तो आपको उसे दोबारा जेनरेट करना होता है।

क्या है प्रक्रिया
वर्चुअल आईडी जेनरेट करना बेहद आसान है। सबसे पहले आप यूआईडी की वेबसाइट पर जाएं, यहां अपना आधार नंबर डालें। इसके बाद सिक्योरिटी कोड डालें और ‘सेंड ओटीपी’ पर क्लिक कर दें। आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा। ओटीपी डालने के बाद आपको नया आईडी जेनरेट करने का ऑप्शन मिलेगा। जेनरेट होने के बाद आपके मोबाइल पर आपका वर्चुअल आईडी भेज दिया जाएगा।