भीमा कोरेगांव हिंसा: सुरेंद्र गडलिंग की पत्नी ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी
देशभर में भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में नक्सली संगठनों से जुड़े रहने के आरोप में पुणे पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारियां विवादों में घिरी हैं। इसी बीच इस मामले में पहले गिरफ्तार किये गए माओवादी कार्यकर्ता सुरेंद्र गडलिंग की पत्नी मिनाल गडलिंग ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका आरोप है कि जेल में उनके पति का उत्पीड़न किया जा रहा है, जिसके चलते उनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
गौरतलब हो कि, गडलिंग को इसी साल छह जून को शोमा सेन, सुधीर धवले, महेश राउत और रोना विल्सन के साथ गिरफ्तार किया गया था। मिनाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में रोमिला थापर और अन्य लोगों द्वारा दायर याचिका में दखल देने की इजाजत मांगी है। उन्होंने अपने पति समेत भीमा कोरेगांव हिंसा में गिरफ्तार सभी पांचों लोगों को निर्दोष बताया है। इस मामले में गिरफ्तार सभी पांचों लोगों की समाज में प्रतिष्ठा है। उन्होंने अपना सारा जीवन न्याय से वंचित लोगों की सेवा करने में बिता दिया है। मिनाल ने इन लोगों पर वंचितों की आवाज होने के चलते निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी को पांच सितंबर तक हाउस अरेस्ट रखने के आदेश दिए हैं। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच के दौरान पुणे पुलिस ने इसी साल जून में पांच माओवादी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ के आधार पर छह राज्यों में छापेमारी के दौरान पांच और माओवादी कार्यकर्ताओं को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून और आइपीसी के तहत गिरफ्तार किया। इनमें राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सुधा भारद्वाज, वामपंथी विचारक वरवर राव, वकील अरुण फरेरा, मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा और वरनॉन गोंजाल्विस शामिल हैं। इन गिरफ्तारियों पर देशभर में बवाल मचा है, हांलाकि पुणे पुलिस का दावा है कि उसके पास सभी लोगों के खिलाफ पुख्ता प्रमाण है।