बिहार: 16 आश्रम गृहों में रहने वाले बच्चों के आरोपों की जांच सीबीआई करेगी

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब बिहार के 16 आश्रम गृहों में रहने वाले बच्चों के शारीरिक व यौन शोषण के आरोपों की जाँच सीबीआई करेगी। हालांकि, राज्य सरकार इन मामलों की केंद्रीय जांच एजेंसी को नहीं सौपने का आग्रह किया था। जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर व जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने राज्य सरकार को अनुरोध ठुकरा दिया। अभी बिहार पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है। इस बीच, सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि वह जांच का काम अपने हाथ में लेने के लिए तैयार है और सात दिसंबर तक आरोप पत्र दाखिल किया जा सकता है।

 जांच से जुड़े अफसरों के तबादले पर रोक 
कोर्ट ने यह भी कहा कि बिहार में आश्रम गृहों की जांच कर रहे जांच ब्यूरो के किसी भी अधिकारी डीके उसकी पूर्व अनुमति के बगैर तबादला नहीं किया जाये। कोर्ट में याचिकाकर्ता फौज़िया शकील ने दावा किया था कि राज्य सरकार इन मामलों में नरम रुख अपना रही है। टाटा इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट पर मुजफ्फरपुर आश्रम गृह कांड में 31 मई को ११ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

सीबीआई जांच क्यों 

कोर्ट ने कहा कि टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट में राज्य के 17 आश्रम गृहों पर चिंता व्यक्त की गई है। इसलिए सीबीआई ही जांच करे। इनमें से एक मुजफ्फरपुर मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो पहले से ही कर रहा है। 
सुप्रीम कोर्ट बिहार सरकार और जांच टीम के रबैये से बेहद नाराज़ नज़र आया। मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जिस तरह से जांच चलनी चाहिए थी वह नहीं होने से ही कोर्ट का रुख सख्त नज़र आ रहा है। आने वाले दिनों में अगर सरकार और जांच एजेंसी के तरीके नहीं बदलते है तो राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के गुस्से का कोपभाजन बनना पर सकता है।