बिहार में बर्डफ्लू पूरी तरह नियंत्रित : सुशील मोदी

पटना (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मेादी ने यहां बुधवार को कहा कि राज्य में बर्डफ्लू पूरी तरह नियंत्रित है तथा इसके मनुष्य में फैलने की आशंका नहीं है। वन एवं पर्यावरण मंत्री ने यहां वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर बर्डफ्लू की स्थिति की समीक्षा की।

मोदी ने बताया, ” 30 दिसंबर से अब तक किसी पक्षी या जानवर के मरने की कोई सूचना नहीं है। व्यापक छिड़काव व बचाव के अन्य उपाय के बाद उद्यान में बर्डफ्लू नियंत्रित है और किसी को भी आतंकित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मनुष्यों में इसके फैलने की कोई आशंका नहीं है।”

उन्होंने कहा कि संजय गांधी जैविक उद्यान में पटरीरहित बैट्री चालित 30 सीट की क्षमता के दो डिब्बे वाली टॉय ट्रेन तथा 11 करोड़ की लागत से तैयार 140 सीट वाला ‘थ्री-डी थियेटर’ फरवरी के दूसरे सप्ताह में प्रारंभ हो जाएगा जहां दर्शक वन्यजीव पर फिल्म देख सकेंगे।

उन्होंने बताया कि भारतीय पशु चिकित्सालय अनुसंधान केंद्र (आईवीआरआई), बरेली से आई दो सदस्यीय टीम ने संजय गांधी जैविक उद्यान्न का निरीक्षण कर एवियन इनफ्लुएंजा के प्रकोप की जांच की एवं बचाव के लिए सुझाव दिया जिस पर अमल किया जा रहा है।

मोदी ने कहा कि 31 दिसम्बर को उद्यान (चिड़ियाघर) के 26 प्रजाति के पक्षियों के रक्त व अन्य सैम्पल तथा मिट्टी-पानी को जांच के लिए हवाई जहाज से राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल भेजा गया है। 15 जनवरी को दूसरी बार सैम्पल भेजी जाएगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर दोनों रिपोर्ट निगेटिव होगी तो उद्यान को आम लोगों के लिए खोलने का निर्णय लिया जाएगा।

वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व में इको टूरिज्म के तहत चालू पर्यटकीय सीजन में आने वाले पर्यटकों की संख्या पर संतोष जताते हुए उन्होंने कहा कि दिसम्बर में 1,116 पर्यटकों वहां उपलब्ध आवासीय सुविधाओं का लाभ उठाया तथा कुल 15 हजार लोग भ्रमण करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि वहां के 60 प्रतिशत आवासों की अग्रिम बुकिंग हुई है।

अधिकारियों को मुंगेर स्थित भीमबांध में पर्यटकीय सुविधाओं के निर्माण कार्य को 30 जनवरी तक पूरा करने का निर्देश देते हुए मोदी ने कहा कि 31 दिसम्बर और पहली जनवरी को वहां करीब 7500 पर्यटक पहुंचे थे।

उल्लेखनीय है कि बर्डफ्लू के कारण पटना का संजय गांधी जैविक उद्यान पिछले साल 25 दिसंबर से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। यहां पांच मोरों की एक सप्ताह के अंदर मौत हो गई थी।