इलेक्शन फंड के लिए बिल्डिंग परमिशन रोकने के आरोप पर विधायक जगताप का पलटवार
पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन
पानी की किल्लत के चलते चिंचवड़ विधानसभा क्षेत्र के आठ गांवों में नए से बिल्डिंग परमिशन न देने संबंधी सत्तादल के फैसले पर खासी सियासत गरमाई हुई है। बीते दिन शिवसेना समेत अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि, आनेवालेचुनावों के मद्देनजर फंड जुटाने के लिए भाजपा ने ऐसा फैसला किया है। इस पर शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप ने पलटवार करते हुए कहा कि, भाजपा को चुनाव के लिये कोई खर्च या फंड की जरूरत नहीं होती।
ज्ञात हो कि, स्थायी समिति की बैठक में पानी की किल्लत के चलते चिंचवड़ विधानसभा क्षेत्र के पिंपले गुरव, पिंपले सौदागर, पिंपले निलख, वाकड़, ताथवड़े, पुनावले, रावेत, मामुरडी इन गांवों में नए से बिल्डिंग परमिशन देने पर रोक लगाने का फैसला किया गया। इस पर बीते दिन शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे, पूर्व नगरसेवक मारूति भापकर, शिवसेना के शहरप्रमुख योगेश बाबर, राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक नाना काटे आदि ने इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि, पानी की किल्लत के मद्देनजर ऐसा फैसला पूरे शहर के लिए होना चाहिये न कि विशिष्ट गांवों के लिए। विपक्ष ने यह आरोप भी लगाया कि, बिल्डरों को प्रताड़ित कर आनेवाले चुनाव के मद्देनजर फंड जुटाने के लिए यह फैसला किया गया है।
विपक्ष के इस आरोप पर पलटवार करते हुए चिंचवड़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक व शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप ने स्पष्ट किया कि, भाजपा को चुनाव के लिए किसी फंड या ख़र्च की जरूरत नहीं होती। यह फैसला बड़ी-बड़ी गृह निर्माण परियोजनाओं के लिए किया गया है। मूलतः अभी की मौजूदा आबादी को की जा रही जलापूर्ति अपर्याप्त साबित हो रही है। इन गांवों में यह किल्लत भीषण है, इसके चलते इन गांवों के लिए यह फैसला किया गया। अपने स्पष्टीकरण में एक तरह से पानी आपूर्ति के नियोजन में मनपा और सत्तादल नाकाम साबित होने की बात स्वीकार करने के साथ ही शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे पर गंभीर आरोप लगाया कि, कलाटे परिवार का टैंकर व्यवसाय खतरे में आ जायेगा, इसलिए विरोध किया जा रहा है। यही नहीं जमीन उपलब्ध न कराकर विकास परियोजनाओं में खलल निर्माण करने, इलाके और मनपा में दादागिरी जैसे अन्य गंभीर आरोप भी उन्होंने लगाये।