भाजपा- शिवसेना के मनोमिलन से दूर ही ‘मावल’

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – शिरूर लोकसभा चुनाव क्षेत्र में शिवसेना सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटिल और भाजपा विधायक महेश लांडगे की दूरियां कुछ हद तक दूर हो गई है। मगर मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्र में शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे और भाजपा शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप के बीच की दूरियां व नाराजगी कहीं कम होती नजर आ रही। जगताप के गढ़ पिंपले गुरव में जाकर खुद बारणे द्वारा मुलाकात किये जाने के बाद शिवसेना की वरिष्ठ नेता डॉ नीलम गोरहे ने भी विधायक जगताप से मुलाकात की। उनकी कोशिशें भी बेअसर साबित होने के बाद कल शिवसेना के राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ नेता संजय राउत ने एक फाइव स्टार होटल में विधायक जगताप से मुलाकात की। इस बैठक में भी सकारात्मक चर्चा का दावा शिवसेना की ओर से किया जा रहा है, मगर बैठक के बीच में ही जगताप का उठकर चले जाना कुछ और ही इशारा कर रहा है।
पिंपरी चिंचवड के समावेश वाली मावल और शिरूर लोकसभा की सीटें शिवसेना के पास है। मावल के सांसद श्रीरंग बारणे और भाजपा शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप एवं शिरूर के सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटिल व भाजपा विधायक महेश लांडगे के बीच 36 का आंकड़ा है। युति से पहले तक भाजपा के दोनों विधायक भी मावल और शिरूर से इच्छुक थे। शिवसेना सांसदों और भाजपा विधायकों के बीच पूरे पांच सालों तक सियासी वॉर छिड़ा रहा। दोनों भी एक- दूसरे को कहीं भी नीचा दिखाने में पीछे नहीं हटे। युति होने के बाद इन चारों पर एक- दूसरे के गले लगने की नौबत आई है। मगर भाजपा के दोनों विधायक और उनके समर्थक इसके लिए दिल से तैयार नजर नहीं आये। विधायक जगताप ने तो पहली ही समन्वय बैठक में अनुपस्थित रहकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी। एक समारोह में तो वे राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रत्याशी पार्थ पवार के साथ भी नजर आए।
सकारात्मक चर्चा का दावा गलत
विधायक महेश लांडगे और सांसद शिवाजीराव आढलराव की भी आपस में नहीं बनती। एक- दूसरे के समर्थकों के निर्वाचन क्षेत्रों के कामों में खलल पैदा करने से लेकर एक- दूसरे पर कीचड़ उछालने का सिलसिला पूरे पांच साल जारी रहा। उनके नगरसेवकों में सांसद आढलराव द्वारा विधायक लांडगे पर किए गए व्यक्तिगत आरोपों और टिप्पणियों को लेकर कड़ी नाराजगी है। इसका असर लोकसभा चुनाव के प्रचार पर नजर आ रहा था। मतभेद भुलाने को लेकर शिवसेना के प्रत्याशी श्रीरंग बारणे ने पहल की। पिंपले गुरव में विधायक जगताप के कार्यालय में जाकर उनसे मुलाकात की और आपसी मतभेद का फायदा दूसरों को न मिलने देने की गुहार लगाई। पार्टी की वरिष्ठ नेता डॉ नीलम गोरहे ने भी अलग से जगताप से मुलाकात की। दोनों ने ही अपनी अपनी बैठकों में सकारात्मक चर्चा का दावा किया, मगर वास्तव अलग ही था।
श्रीरंग बारणे का सिरदर्द कायम
इसके चलते जगताप की नाराजगी दूर करने के लिए खुद शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत मुंबई से पिंपरी चिंचवड आये। एक फाइव स्टार होटल में उनकी पार्टी के दूसरे आला नेताओं की मौजूदगी में विधायक जगताप के साथ बैठक हुई। इस बैठक में भी सकारात्मक चर्चा का दावा शिवसेना नेताओं ने किया। मगर हकीकत कुछ और ही है, बताया जा रहा है कि जगताप इस बैठक में से बीच में ही उठकर चले गए। यानी श्रीरंग बारणे को लेकर उनकी नाराजगी कायम ही है। इसके विपरीत शिरूर से शिवसेना के प्रत्याशी शिवाजीराव आढलराव पाटिल और भाजपा विधायक महेश लांडगे का मनोमिलन कुछ हद तक हो गया है। भोसरी में लांडगे के जनसंपर्क कार्यालय में आढलराव ने विधायक लांडगे व विधायक जगताप के साथ बैठक की। लांडगे ने उनके प्रचार में उतरने की शर्तिया सहमति दर्शाए जाने की जानकारी मिली है। इससे आढलराव की चिंता कुछ हद तक तो दूर हो गई मगर दूसरे सांसद बारणे का सिरदर्द अभी कायम है।