आस्था से जुड़े मसलों पर फैसलों से बचें अदालत और सरकार

भाजपा हाइकमान अमित शाह की चेतावनी
कन्नूर। समाचार एजेंसी – सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर से रोक हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जारी संघर्ष पर भाजपा हाइकमान अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है।केरल के कन्नूर में शाह ने कहा कि, अदालत को वही फैसले सुनाने चाहिए, जिनका पालन हो सके। सरकार और कोर्ट को आस्था से जुड़े मामलों में फैसले सुनाने से बचना चाहिए। ऐसे आदेश नहीं देने चाहिए जो लोगों की आस्था का सम्मान नहीं कर सकें।
उन्होंने यह भी कहा, पार्टी भगवान अयप्पा के भक्तों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। राज्य की वाम सरकार भगवान अयप्पा के भक्तों का दमन कर रही है। संविधान के अनुच्छेद-14 की दुहाई दी जाती है। वहीं, 25 और 26 के तहत अपने धर्म के अनुसार जीने का मुझे अधिकार है। एक मौलिक अधिकार दूसरे को नुकसान कैसे पहुंचा सकता है? अदालत के फैसले के नाम पर परंपराओं को तोड़ने की कोशिश करने वालों को बता दूं कि देशभर में कई मंदिर हैं जो अलग-अलग परंपराओं से चलते हैं। हिंदू धर्म ने कभी महिलाओं के साथ अन्याय नहीं किया, बल्कि उनको देवी मानकर पूजा की है।
आज केरल में धार्मिक विश्वास और राज्य सरकार की क्रूरता के बीच संघर्ष चल रहा है। सरकार ने 2000 से ज्यादा श्रद्धालुओं, भाजपा और संघ के कार्यकर्ताओं को जेल में ठूंस दिया है। इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए भाजपा हाइकमान ने मुख्यमंत्री पी. विजयन को चेतावनी दी कि, अगर दमन की कोशिश को रोका नहीं गया तो भाजपा कार्यकर्ता सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे। कन्नूर में 120 भाजपा कार्यकर्ता मारे गए। जिस विचारधारा के लिए इन पार्टी कार्यकर्ताओं ने बलिदान दिया है, मैं उनके परिवार को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हम उसे कभी पराजित नहीं होने देंगे, यह भरोसा भी उन्होंने दिलाया।